Himachal Pradesh Congress: हिमाचल प्रदेश की राजनीति में इन दिनों प्रतिभा सिंह को हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाए जाने की चर्चाएं जोरों पर हैं. इस बीच प्रतिभा सिंह का बयान सामने आया है. आनी में प्रतिभा सिंह ने कहा कि कुछ लोग उन्हें पद से हटाए जाने की बातें फैला रहे हैं, लेकिन जिन लोगों ने उन्हें अध्यक्ष बनाया है वह लोग यह जानते हैं कि वीरभद्र सिंह के नाम को मिटाया नहीं जा सकता. हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने जन संवाद के दौरान कहा कि वीरभद्र सिंह ने 60 साल तक आम जनता की सेवा की 25 साल की उम्र से राजनीति की शुरुआत करने वाले वीरभद्र सिंह आखिरी सांस तक जनता की सेवा में जुटे रहे. अपना अंतिम चुनाव भी उन्होंने अर्की विधानसभा क्षेत्र से लड़ा और जनता की सेवा में लगे रहे.


'वीरभद्र सिंह के नाम को मिटाना आसान नहीं'
प्रतिभा सिंह ने कहा कि वीरभद्र सिंह के नाम को मिटाना आसान नहीं है, लेकिन कुछ शरारती तत्व यह कोशिश कर रहे हैं कि वीरभद्र सिंह के नाम को मिटा दिया जाए. मंडी संसदीय क्षेत्र की सांसद प्रतिभा सिंह ने कहा कि ईश्वर हमारे साथ है और भगवान भी देखता है कि किस तरह उनका परिवार जनता की सेवा में लगा रहा है.



प्रतिभा सिंह ने पुराना किस्सा साझा करते हुए कहा कि आनी के तत्कालीन विधायक ईश्वर दास धीमान के साथ वीरभद्र सिंह ने 22 दिन तक आनी का दौरा किया था और हर गांव में पैदल जाकर लोगों का दु:ख-दर्द जाना. प्रतिभा सिंह ने कहा कि आज की तारीख में कई नेता अपनी गाड़ी से भी नहीं उतरते. वीरभद्र सिंह ने प्रदेश के लिए कितने बड़े काम किए? यह उन्हें बताने की जरूरत नहीं है. प्रतिभा सिंह ने कहा कि चंबा के दूरदराज इलाके में भी स्कूल-कॉलेज वीरभद्र सिंह की ही देन है. उन्होंने कहा कि आज बेटियां भी दूरदराज के इलाकों में स्कूल जाती हैं. यह सब काम वीरभद्र सिंह ने किया है. ऐसे में वीरभद्र सिंह के नाम को मिटाया नहीं जा सकता.


'जीत दिलाने में वीरभद्र सिंह के नाम की अहम भूमिका'
गौरतलब है कि वीरभद्र सिंह के निधन के बाद प्रतिभा सिंह को पहले मंडी संसदीय क्षेत्र का उप चुनाव लड़ाया गया. यहां उपचुनाव मंडी के सांसद रामस्वरूप शर्मा के निधन के बाद हुआ था. इस उपचुनाव में प्रतिभा सिंह ने जीत हासिल की. इसके बाद विधानसभा चुनाव से पहले प्रतिभा सिंह को हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष पद की कमान दी गई. प्रतिभा सिंह कई मंचों से इस बात को जाहिर कर चुकी हैं कि आज उन्हें जो सांसद और अध्यक्ष बनने का मौका मिला है, वह सब वीरभद्र सिंह की ही देन है. वे वीरभद्र सिंह की सिखाई हुई बातों पर ही आगे बढ़ रही हैं. विधानसभा चुनाव के बाद अब तमाम पोस्टरों से वीरभद्र सिंह की तस्वीर भी गायब नजर आती है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि वीरभद्र सिंह के नाम को हिमाचल प्रदेश की राजनीति से दूर करने की कोशिश जोरों पर है. इस सब के बीच ही प्रतिभा सिंह को अध्यक्ष पद से हटाए जाने की खबरें भी बाजार में घूम रही हैं.