Pratibha Thakur: अंधेरा भले ही कितना भी घनघोर हो एक दिन छंट ही जाता है. समाज में आज भी दिव्यांगों को दया भाव से देखा जाता है, लेकिन दिव्यांग किसी भी क्षेत्र में कम नहीं हैं बल्कि हम अगर ये कहें कि वे हर क्षेत्र में सामान्य लोगों से चार कदम आगे ही हैं तो इसमें कोई अतिशय नहीं होगा. हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली 75 फ़ीसदी दृष्टिबाधित प्रतिभा ठाकुर ने अपनी 'प्रतिभा' का लोहा मनवा दिया है.


पॉलिटिकल साइंस की असिस्टेंट प्रोफेसर बनीं प्रतिभा
कड़ी मेहनत और लगन से प्रतिभा ठाकुर ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है. प्रदेश विश्वविद्यालय से राजनीति में पीएचडी कर रहीं प्रतिभा ठाकुर का चयन पॉलिटिकल साइंस के असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर हुआ है. हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पीएचडी कर रहीं प्रतिभा ठाकुर सामाजिक कार्यकर्ता और रक्तदाता होने के साथ बेहतरीन कवियत्री भी हैं. पॉलिटिकल साइंस के असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर चयनित होने के बाद प्रतिभा ठाकुर के घर पर खुशी का माहौल है. हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में भी हर जगह प्रतिभा ठाकुर के इस कीर्तिमान की ही चर्चा हो रही है.


 






प्रतिभा ठाकुर की बड़ी उपलब्धि
प्रतिभा ठाकुर ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने अध्यापकों और अपने माता-पिता को दिया है. प्रतिभा ठाकुर लंबे वक्त से उमंग फाउंडेशन से जुड़ी हैं. उमंग फाउंडेशन ने ही प्रतिभा सिंह ठाकुर को नहीं राह दिखाने का काम किया. यह संस्था पिछले लंबे वक्त से हिमाचल प्रदेश के दिव्यांग बच्चों के हित के लिए काम कर रही है. फाउंडेशन के अध्यक्ष और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के ICDEOL में पत्रकारिता विभाग के प्रमुख प्रोफेसर अजय श्रीवास्तव ने प्रतिभा ठाकुर के अंधेरे जीवन में रोशनी भरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. प्रतिभा ठाकुर ने प्रोफेसर अजय श्रीवास्तव का भी आभार व्यक्त किया है.


विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहीं प्रतिभा ठाकुर
प्रतिभा ठाकुर के पिता खेमचंद शास्त्री मंडी में पत्रकार हैं, जबकि उनकी मां सविता कुमारी सरकारी स्कूल में टीचर हैं. मंडी कॉलेज से राजनीति विज्ञान में एमए और बी.एड की पढ़ाई करने के बाद प्रतिभा ठाकुर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पीएचडी की पढ़ाई कर रही हैं. हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में महिलाओं का मतदान व्यवहार पर डॉ. महेंद्र यादव के निर्देशन में प्रतिभा ठाकुर की पीएचडी चल रही है. बचपन से ही वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर प्रतिभा ठाकुर कई राज्यस्तरीय पुरस्कार भी जीत चुकी हैं.


हजारों छात्रों के लिए प्रेरणा बनीं प्रतिभा
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में अध्ययनरत प्रतिभा ठाकुर की यह उपलब्धि उन हजारों बच्चों के लिए प्रेरणा है जो किसी न किसी वजह से पढ़ाई में ध्यान नहीं दे पाते. 75 फ़ीसदी तक दृष्टिबाधित प्रतिभा ठाकुर की राह में कई बड़े रोड़े थे लेकिन, प्रतिभा ठाकुर इन मुश्किलों को पार करती चली गईं और उन्होंने आज जीवन में नया आयाम स्थापित कर दिखाया है. इससे पहले 100 फ़ीसदी दृष्टिबाधित मुस्कान ने भी म्यूजिक विषय में असिस्टेंट प्रोफेसर बन हर किसी को हैरान कर दिया था.


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