President Draupadi Murmu Shimla Visit: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) शिमला (Shimla) दौरे पर आ रही हैं. वो 18 अप्रैल से 21 अप्रैल तक छराबड़ा स्थित राष्ट्रपति निवास द रिट्रीट में रुकेंगी. गर्मियों के मौसम में देश के राष्ट्रपति शिमला में समय बिताने के लिए आते हैं. पूर्व में भी राष्ट्रपतियों के दौरों से जनता की कई स्मृतियां जुड़ी हुई हैं. देश के करीब हर राष्ट्रपति ने शिमला का दौरा किया है. हाल के सालों में ही कुछ खास स्मृतियां देश के 11वें राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ((APJ Abdul Kalam)) और 14वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) से जुड़ी हुई हैं.


एक बार राष्ट्रपति रहते हुए एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) शिमला पहुंचे. अन्य राष्ट्रपतियों से अलग एपीजे ने गर्मियों के मौसम में नहीं बल्कि सर्दियों के मौसम में शिमला आने का मन बनाया. जब खुद इच्छा राष्ट्रपति ने जाहिर की हो, तो इससे इनकार करने का कोई सवाल ही नहीं उठता. राष्ट्रपति सर्दियों में शिमला पहुंचे, तो आनन-फानन में उनके दौरे की तैयारियां पूरी की गई. 


बेटी ने किया धाटू देने से इनकार
तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम द रिट्रीट में रुके. शाम के वक्त घूमते हुए उनकी नजर सामने खूबसूरत गांव सरोग पर पड़ी. एपीजे अब्दुल कलाम ने इस गांव में जाने की इच्छा जाहिर की. इसके बाद इस गांव में राष्ट्रपति के जाने की व्यवस्था की गई. शाम के वक्त ठंड से बचने के लिए आग की व्यवस्था की गई थी, लेकिन सुरक्षा कारणों की वजह से आग नहीं जलाई गई. ठंड बहुत ज्यादा थी. तापमान लगातार लुढ़क रहा था. तत्कालीन राष्ट्रपति को ठंड लग रही थी. ऐसे में एपीजे अब्दुल कलाम ने गांव में नाटी कर रही एक बेटी से उसका धाटू मांग लिया, लेकिन बेटी ने धाटू देने से इनकार कर दिया.


एपीजे अब्दुल कलाम ने एक बार फिर बच्ची से धाटू देने का आग्रह किया, लेकिन बच्ची फिर नहीं मानी. इस पर वहां मौजूद एक अधिकारी ने लगभग आदेश के स्वर में बच्ची को धाटू देने के लिए कहा. अधिकारी ने कहा, 'आप यह धाटू राष्ट्रपति को दे दीजिए. आपको कल बाजार से नया लाकर दे दिया जाएगा'.


कलाम को दी गई पहाड़ी टोपी
इसके बाद राष्ट्रपति तक बात पहुंचाई गई कि धाटू पुरुषों के लिए नहीं बल्कि महिलाओं के लिए बना होता है. पुरुषों का इसे पहनना अपशगुन भी माना जाता है. इस पर एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा अगर ऐसा है तो वह धाटू नहीं पहनेंगे. दरअसल, वे ठंड से बचने के लिए बच्ची से धाटू मांग रहे थे. इसके बाद तत्कालीन राष्ट्रपति को हिमाचल प्रदेश में पुरुषों द्वारा पहने जाने वाले हरी पट्टी वाली टोपी दी गई. ठंड से बचने के लिए अपने पूरे दौरे पर एपीजे अब्दुल कलाम इसी टोपी को पहने रहे.


रिज पर टहले थे रामनाथ कोविंद 
इसी तरह 18 सितंबर 2021 को जब देश के 14वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शिमला पहुंचे, तो उन्हें देखने के लिए रिज पर भारी भीड़ लगी रही. उस दौरान मिनिस्टर इन वेटिंग और तत्कालीन शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज के साथ शिमला के जाखू मंदिर में अपने परिवार के साथ शीश नवाने के लिए गए. मंदिर से वापस आते वक्त तत्कालीन राष्ट्रपति रिज पर ठहले.


लोगों की स्मृतियों में है खास यादें
इस दौरान उन्होंने प्रोटोकॉल तोड़कर आम जनता के साथ भी मुलाकात की. रामनाथ कोविंद ने शिमला की जनता से पूछा कि कहीं उनके दौरे से जनता को कोई परेशानी तो नहीं हुई? इस पर सामने खड़े लोगों ने जवाब दिया कि वह राष्ट्रपति के दौरे से बिलकुल भी परेशान नहीं हुए. लोगों ने कहा कि वे चाहते हैं कि राष्ट्रपति इसी तरह शिमला आते रहें. तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के लोगों के साथ संवाद की भी जमकर प्रशंसा हुई और आज भी यह बात लोगों की स्मृति में बरकरार है.


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