(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
हिमाचल प्रवास पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, शिमला पहुंचने पर राज्यपाल और सीएम ने किया स्वागत
President Shimla Visit: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 8 मई तक अलग- अलग समारोह में हिस्सा लेंगी. शिमला पहुंचने पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने स्वागत किया.
President Droupadi Murmu Shimla Visit: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शनिवार सुबह राजधानी शिमला पहुंचीं. शिमला पहुंचने पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्वागत किया. 8 मई तक राष्ट्रपति अलग- अलग समारोह में हिस्सा लेंगी. राष्ट्रपति आज अपने आधिकारिक निवास दि रिट्रीट में रुकेंगी. कल यानी 5 मई को राष्ट्रपति कैचमेंट एरिया कुफरी का दौरा करेंगी. 6 मई को जिला कांगड़ा का दौरा कर शाम के वक्त शिमला वापस आएंगी. यहां केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगी.
7 मई को राष्ट्रपति संकट मोचन मंदिर और तारादेवी मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद शाम को मालरोड पर भ्रमण करेंगी. इसके बाद ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम में शामिल होने जायेंगी. शिमला के गेयटी थियेटर में सभी तैयारियां की जा रही हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 8 मई को सुबह शिमला से वापस दिल्ली के लिए रवाना होंगी. साल 2023 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 18 अप्रैल से 21 अप्रैल तक शिमला प्रवास पर थीं. उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की थी. जाखू मंदिर पहुंचकर भगवान हनुमान के दर्शन भी किए थे.
शिमला दौरे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
राजधानी शिमला से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर मशोबरा में 'दि रिट्रीट' की ऐतिहासिक इमारत है. ऐतिहासिक इमारत का निर्माण साल 1850 में कोटि के राजा ने करवाया था. मौजूदा वक्त में ऐतिहासिक इमारत का इस्तेमाल राष्ट्रपति निवास के तौर पर होता है. देशभर में केवल चार ही राष्ट्रपति निवास हैं जिसमें से एक शिमला में स्थित है. शिमला के अलावा राष्ट्रपति निवास दिल्ली, हैदराबाद और देहरादून में है. साल 1860 में एम.सी. कमिश्नर लॉर्ड विलियम ने कोटि के राजा से इमारत को लीज पर लिया. उस वक्त उन्होंने भवन को लीज पर लेने के लिए 2 हजार 825 रुपये की भारी-भरकम राशि चुकाई थी.
'दि रिट्रीट' इमारत का जानें इतिहास
साल 1890 में इमारत दो मंजिला बनवाई गई. ऐतिहासिक इमारत 10 हजार 628 वर्ग फीट पर फैली है. आजादी से पहले ऐतिहासिक इमारत में वायसराय रहा करते थे. वे ऑब्जर्वेटरी हिल पर बने वायसराय लॉज की इमारत से वीकेंड पर यहां आया करते थे. वायसराय लॉज की इस इमारत को आज इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडी के नाम से जाना जाता है, जो साल 1888 में बनकर तैयार हुई थी. राष्ट्रपति निवास 'दि रिट्रीट' के ठीक सामने एक गार्डन है. इस गार्डन में ट्यूलिप लगाए गए हैं. यहां डेनमार्क, लैपटॉप और येलो ट्यूलिप लगे हुए हैं.
इसके अलावा यहां कॉपर ब्रीच के दो पेड़ हैं, जो हर 25 दिन बाद अपना रंग बदल लेते हैं. इसी तरह का एक अन्य पेड़ चायल पैलेस और होटल वाइल्ड फ्लावर में भी है. राष्ट्रपति निवास के परिसर में ही तीन कुएं भी हैं, जिससे यहां पौधों को पानी दिया जाता है. इसी गार्डन में सन डायल भी है, जिससे पहले टाइम का पता किया जाता था. समय का पता करने के लिए इस घड़ी में एक फार्मूला भी दिया गया है.