'वक्फ बोर्ड में बदलते समय के साथ सुधार की आवश्यकता', लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह का बयान
Vikramaditya Singh: हिमाचल के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने वक्फ बोर्ड में सुधार पर ज़ोर दिया. उन्होंने इसे समय की माँग बताया। यह बयान ऐसे समय आया है जब वक्फ बोर्ड को लेकर विवाद चल रहा है.
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश सरकार में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने वक्फ बोर्ड में सुधार की जरूरत की बात कही है. विक्रमादित्य सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा. विक्रमादित्य सिंह इस पोस्ट में वक्त के साथ वक्फ बोर्ड में सुधार की बात कर रहे हैं. विक्रमादित्य ने लिखा- 'हिमाचल और हिमाचलियत के हित सर्वश्रेष्ठ, सर्वत्र हिमाचल का संपूर्ण विकास. जय श्री राम! समय के साथ हर कानून में तबदीली लाना आवश्यक है. वक्फ बोर्ड में भी बदलते समय के साथ सुधार की आवश्यकता है'.
हिमाचल प्रदेश सरकार में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह का यह बयान उस समय पर सामने आया है, जब हिमाचल प्रदेश में वक्फ बोर्ड को भंग करने की मांग उठाई जा रही है. शनिवार (22 सितंबर) को ही जिला सिरमौर के शिलाई इलाके में वक्फ बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर एक बड़ा प्रदर्शन हुआ था.
लोक निर्माण मंत्री के बयान की टाइमिंग अहम
इस बीच ही विक्रमादित्य सिंह का यह बयान सामने आया है. गौर हो कि केंद्र सरकार भी वक्फ संशोधन विधेयक 2024 संसद में लेकर आई थी, जिसे जेपीसी के पास भेजा गया है. लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह अमूमन पार्टी लाइन से हटकर बात करने के लिए ही जाने जाते हैं. यहां भी उन्होंने पार्टी लाइन से हटकर ही बात की है, क्योंकि अब से पहले राज्य के किसी भी कांग्रेस नेता का वक्फ बोर्ड के संबंध में कोई बयान नहीं आया है.
विपक्ष के सदस्यों ने किया था विरोध
बता दें कि जब सदन में यह संशोधन विधेयक पेश किया गया था, तब विपक्षी सदस्यों ने विधेयक का विरोध किया था. विपक्ष ने इसे संविधान, संघवाद और अल्पसंख्यकों पर हमला करार दिया था. इस पर केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि विधेयक में किसी की धार्मिक स्वतंत्रता और संविधान के किसी अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं किया गया है. बीते गुरुवार को ही वक्फ बोर्ड संशोधन 2024 को लेकर गठित जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी- JPC की बैठक भी हुई थी.
जानकारी के मुताबिक, इस कमेटी में वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने को लेकर भी चर्चा हुई थी. वक्फ को लेकर बनाई गई संयुक्त संसदीय समिति ने जनता से जो सुझाव मांगे थे उसके तहत अब तक कमेटी के पास 94 लाख से ज्यादा ईमेल और लाखों की संख्या में लिखित जवाब पहुंच चुके हैं.