Pulwama Attack: पुलवामा में शहीद हुए थे कांगड़ा के तिलकराज, शहादत के चार साल बाद भी अधूरा है सरकार का वादा
14 फरवरी 2019 को पुलवामा हमले में शहीद 40 जवानों में एक नाम कांगड़ा के तिलकराज का भी है. लोकगायकी का शौक रखने वाले तिलकराज की शहादत के बाद सरकार ने उनके परिवार से कई वादे किए थे जो आज भी अधूरे हैं.
Pulwama Attack Anniversary: आज से ठीक चार साल पहले साल 2019 में आज ही के दिन 14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. आतंकियों के कायराना घटना को भले ही चार साल का समय बीत गया है, लेकिन आज भी लोग उस उस मंजर को याद कर सिहर उठते हैं. जम्मू कश्मीर नेशनल हाईवे पर आतंकियों ने विस्फोटक से भरी कार सीआरपीएफ के काफिले के बीच घुसाकर जोरदार धमाका कर दिया था. धमाका इतना भयंकर था कि बस के परखच्चे उड़ गए.
इसके बाद घात लगाए बैठे आतंकियों ने वीर जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग की. जैश-ए-मोहम्मद के इस आतंकी हमले में देश के 40 जवानों ने सर्वोच्च बलिदान दिया था. इनमें एक हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के रहने वाले तिलकराज भी थे.
हर दिल अजीज थे शहीद तिलक राज
शहीद तिलक राज जिला कांगड़ा के जवाली उपमंडल के देहा गांव के रहने वाले थे. उनके गांव के लोग उन्हें प्यार से सानू कहकर बुलाया करते थे. सानू हर दिल अजीज व्यक्तित्व थे. जब भी वे छुट्टी पर घर पहुंचते, तो लोक गीत गाया करते. अगर छुट्टी 10 से 15 दिन की हो, तो इलाके के युवाओं को इकट्ठा कर कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन भी करते थे. तिलकराज बचपन से ही गाना गाने और खेल का शौक रखते थे. उनके घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. इस वजह से उन्हें दसवीं के बाद पढ़ाई छोड़नी पड़ी. पढ़ाई छोड़ने के बाद तिलक राज ने फोटोग्राफी का काम शुरू किया. उनके ताऊ और चाचा सेना में थे. इसलिए तिलक राज ने भी सेना में जाने की राह चुनी. तिलक राज साल 2007 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए.
तिलक राज का जन्म 2 मई 1988 को हुआ था. उनके पिता मजदूरी का काम करते थे और माता विमला देवी गृहिणी थीं. प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्कूल सेे पूरी करने के बाद उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए कई किलोमीटर पैदल चलकर जाना पड़ता था. तिलक राज को गाने का भी शौक था. उन्होंने सिड्डू शराबी, नीलमा गद्देरन और मेरी मोनिका जैसे हिट गाने गाकर हिमाचल प्रदेश के लोगों के बीच अपना नाम भी बनाया था. यू-ट्यूब पर हजारों लोग उनके गाने सुनते हैं.
13 फरवरी को आखिरी बार हुई थी बात
13 फरवरी 2019 की शाम उन्होंने अपनी धर्मपत्नी सावित्री से फोन पर बात कर कहा था कि वे जल्द छुट्टी पर आकर एक गाना रिकॉर्ड करेंगे, लेकिन प्रकृति को शायद कुछ और ही मंजूर था. तिलक राज जैश-ए-मोहम्मद के कायराना हमले में शहीद हो गए. जिस वक्त उन्होंने शहादत दी थी, उनका छोटा बेटा विवान सिर्फ 22 दिन का था. अब अभिमान शाहपुर के स्कूल में नर्सरी में पढ़ाई करता है और बड़ा बेटा वरुण प्राइमरी की पढ़ाई कर रहा है. आज पुलवामा हमले के चार साल पूरे होने के बाद देश और प्रदेश के लोग उन्हें याद कर श्रद्धांजलि दे रहे हैं.
वादे पूरे होने का इंतजार