HP News: पिछले कुछ दिनों के दौरान हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन से मची तबाही की वजह से वहां पर जनजीवन अभी भी पहले की तरह सामान्य नहीं हो पाया है. प्रदेश की राजधानी शिमला व अन्य भागों में झमाझम बारिश का सिलसिला जारी है. इस बीच हिमाचल मौसम विभाग ने 10 जिलों में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी कर सभी चिंता बढ़ा दी है. मौसम विभाग के मुताबिक हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में 21 जुलाई तक मध्यम और भारी बारिश का पूर्वानुमान है.
हिमाचल प्रदेश मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने प्रदेश के कुछ 10 जिलों के लिए 15 से 17 जुलाई के दौरान भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं 18 जुलाई को कुछ जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। दूसरी तरफ शासकीय विभाग ने लोगों और टूरिस्टों से नदी-नालों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
इन जिलों में बारिश की आशंका
भारत मौसम विभाग के मुताबिक हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर, सोलन, शिमला, सिरमौर, ऊना, हमीरपुर, मंडी, कांगड़ा, किन्नौर और कुल्लू जिलों में कई स्थानों पर गरज के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। कांगड़ा, सोलन, सिरमौर, बिलासपुर, सोलन, शिमला, सिरमौर, ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, कुल्लू और किन्नौर जिलों में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है। अगले 2-3 घंटों के दौरान शिमला जिले के चौपाल, डोडरा क्वार, किन्नौर सांगला, कांगड़ा नूरपुर और आसपास के क्षेत्रों में बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है.
बारिश और भूस्खलन से अभी तक 8000 करोड़ का नुकसान
चल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को कहा था कि पिछले कुछ दिनों के दौरान भारी बारिश और भूस्खलन से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को लगभग 8,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। केंद्र की ओर से आपातकालीन प्रतिक्रिया के मुताबिक शुक्रवार रात तक यह नुकसान लगभग 4,000 करोड़ रुपये का था. सीएम सुक्खू ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से 2,000 करोड़ रुपये की अंतरिम राहत राशि जारी करने की मांग की है. सुक्खू ने यहां जारी एक बयान में कहा कि राज्य में फंसे लगभग 70 हजार पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, जबकि 15 हजार वाहनों को बाहर भेजा गया। करीब 500 पर्यटकों ने स्वेच्छा से यहीं रूकने का फैसला किया। राज्य सरकार के मुताबिक 60 हजार से ज्यादा टूरिस्टों को अभी तक निकाला जा चुका है. फिलहाल राज्य में 790 सड़कें बंद हैं।