Himachal Pradesh BJP New President: मई, 2020 में जिस समय पूरा देश कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी से जूझ रहा था. उस समय हिमाचल प्रदेश में तत्कालीन सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल (Rajeev Bindal) के करीबी पर पीपीई किट (PPE Kit) समेत अन्य उपकरणों की खरीद में घोटाले के आरोप लगे. हिमाचल कांग्रेस ने भी डॉ. राजीव बिंदल के करीबी का नाम सामने आने के बाद बीजेपी की सरकार पर संकट के समय आपदा को अवसर में बदलने के आरोप लगाए.


दरअसल, इस कथित घोटाले में डॉ. राजीव बिंदल की बेटी और दामाद के डायग्नोस्टिक सेंटर में काम करने वाले कर्मचारी पृथ्वी का नाम सामने आया था. मामले में एक ऑडियो क्लिप वायरल हुआ, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन निदेशक डॉक्टर ए. के. गुप्ता पांच लाख रुपये की रिश्वत मांग करते सुनाई दे रहे थे. ऑडियो क्लिप के आखिर में डायग्नोस्टिक सेंटर में काम करने वाले पृथ्वी ने सामान यानी पांच लाख रुपये पहुंचाने की बात कही थी. हिमाचल बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष ने कथित तौर पर 31 मई, 2020 को सेवानिवृत्त हो रहे आरोपी स्वास्थ्य निदेशक को तीन महीने की एक्सटेंशन देने की सिफारिश भी की थी.


नैतिकता के आधार पर दिया था इस्तीफा


हिमाचल प्रदेश में यह घोटाला पीपीई किट घोटाले के नाम से जाना गया. मामले में डॉ. बिंदल के करीबियों का नाम सामने आने के बाद उन्होंने हिमाचल बीजेपी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. डॉ. बिंदल ने अपने इस्तीफे में नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की बात लिखी थी. अंग्रेजी में लिखे गए इस इस्तीफे में डॉ. बिंदल ने दो बार 'हाईली मॉडल ग्राउंड' शब्द का इस्तेमाल किया था.


कांग्रेस ने चुनाव में बनाया था मुद्दा 


हिमाचल कांग्रेस साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी मामले को तूल दिया. तत्कालीन कांग्रेस प्रचार समिति के अध्यक्ष और मौजूदा वक्त में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मीडिया में इस मामले को उठाया. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बीजेपी आलाकमान से शुरू सवाल करते आते थे कि अगर पीपीई किट खरीद मामले में कोई घोटाला नहीं हुआ, तो आखिर डॉ. बिंदल ने अपने पद से इस्तीफा क्यों दिया? गौरतलब है कि अब तक भी इस मामले में विजिलेंस की जांच का कोई परिणाम सामने नहीं आया है.


तीन साल बाद दिलचस्प ढंग से वापसी


मई 2020 में हिमाचल बीजेपी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद ठीक तीन साल बाद दिलचस्प ढंग से राजीव बिंदल की वापसी हुई है. सुरेश कश्यप के इस्तीफे की खबरों के बीच जिन नेताओं का नाम अध्यक्ष पद की दौड़ में आगे चल रहा था, उन नेताओं से हटकर राजीव बिंदल का नाम अचानक से सामने आ गया. हिमाचल बीजेपी के अध्यक्ष के तौर पर इंदु गोस्वामी, सिकंदर कुमार और त्रिलोक जमवाल का नाम आगे चल रहा था, लेकिन पार्टी ने एक बार फिर अपने पुराने सिपाही राजीव बिंदल पर ही विश्वास जताया है. अब राजीव बिंदल के सामने हिमाचल बीजेपी में चल रही गुटबाजी खत्म करने और साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में पुराना इतिहास दूर रहने की चुनौती है.


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