Himachal Pradesh By-Election: हिमाचल प्रदेश में चार लोकसभा सीट पर चुनाव के साथ छह विधानसभा क्षेत्र में 1 जून को उपचुनाव होना है. भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस छोड़ आए सभी बागी नेताओं को उपचुनाव में अपना प्रत्याशी बना दिया है. 


सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी राजिंदर राणा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार पर जमकर निशाना साधा. राणा ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार वेंटिलेटर पर है और इसका स्विच कभी भी बंद हो सकता है. उन्होंने देश में होने जा रहे लोकसभा चुनाव के साथ उपचुनाव में भी जीत का दावा किया है.


CM सुक्खू पर करेंगे मानहानि का दावा


राजिंदर राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने न सिर्फ उनके साथ बल्कि उनके विधानसभा क्षेत्र की जनता के साथ भी धोखा किया है. राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री इस बात का सबूत दें कि धन बल से कौन बिका है.


राजिंदर राणा ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री इन आरोपों को लेकर माफी नहीं मांगते हैं, तो उन पर मानहानि का दावा किया जाएगा. राजिंदर राणा ने पहले भी शिमला में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पर मानहानि का दावा करने की बात कही थी.


राणा ने CM सुक्खू को बताया तानशाह


सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे राजिंदर राणा ने कहा कि उनके इलाके की जनता के काम को रोकने की कोशिश की गई. विकास कार्यों के कागज डस्टबिन में फैंके जा रहे थे. उन्होंने कहा कि उन्होंने इलाके की जनता के हित को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा है.


राजिंदर राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 14 महीने के कार्यकाल में ही तानाशाह बन गए. आज प्रदेश में सरकार को मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि उनकी मित्र मंडली चल रही है. इससे पहले राजिंदर राणा ने राज्य सचिवालय को फ्रेंड्स क्लब भी करार दिया था.


कभी बीजेपी के धुर विरोधी थे राजिंदर राणा


बता दें कि राजिंदर राणा कांग्रेस छोड़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं. साल 2017 के विधानसभा के चुनाव में राजिंदर राणा ने भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री पद के दावेदार और पार्टी की ओर से घोषित आधिकारिक चेहरे प्रो. प्रेम कुमार धूमल को चुनाव हरा दिया था.


साल 2014 में राजिंदर राणा ने अनुराग ठाकुर के खिलाफ भी लोकसभा का चुनाव लड़ा था. हालांकि तब राजिंदर राणा को सफलता नहीं मिल सकी थी. राणा की साल 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले भी भाजपा में आने की चर्चा थी, लेकिन तब प्रो. प्रेम कुमार धूमल की मंजूरी न मिलने के चलते हुए भाजपा में शामिल नहीं हो सके थे. अब राज्यसभा चुनाव में हुई बगावत के बाद राजिंदर राणा भाजपा के हो गए हैं.


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