Himachal Pradesh News Today: कांग्रेस (Congress) पार्टी से बागी हुए पूर्व विधायक राजिंदर राणा (Rajinder Rana) ने मंगलवार को एक फेसबुक पोस्ट लिखा. उसमें उन्होंने बताया कि बगावत की नौबत क्यों आई. राजिंदर राणा ने अपनी  फेसबुक पोस्ट में कहा कि, हिमाचल प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस द्वारा किए गए वादों को पूरा करने के लिए हाथ जोड़कर सुजानपुर से शिमला और शिमला से दिल्ली तक दौड़ने का नतीजा नहीं निकला. मैंने न्याय की कामना की, लेकिन मुझे केवल अपमान मिला.


राणा ने कहा "कई प्रयासों के बावजूद, न तो शिमला और न ही दिल्ली में कांग्रेस नेतृत्व ने मेरी बात सुनी. पिछले कुछ दिनों में प्रदेश में हो रहे राजनीतिक घटनाक्रम से आप भलीभांति परिचित हैं, लेकिन मैं आपको एक छुपी साजिश से अवगत कराने के लिए यह पोस्ट लिख रहा हूं, क्योंकि मेरी प्रतिबद्धता, लगाव, निष्ठा, समर्पण, विश्वास और जिम्मेदारी आपके प्रति है, ना की सत्ता के शिखर पर बैठे किसी बौने सम्राट के प्रति."


कांग्रेस विधायक ने कहा- मेरे पास बचे थे दो विकल्प
राणा ने आगे कहा कि आपको वो वादे याद होंगे जो हमने हिमाचल चुनाव के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता के तौर पर आपसे किये थे. आपने हमारे वादों पर विश्वास करते हुए हमें वोट दिया और हमें अपने वादों को हकीकत में बदलने का मौका दिया. उन्होंने कहा कि, लेकिन आज उन वादों की हकिकत क्या है. अगर मैं अभी इस बारे में लिखने बैठूं तो वादाखिलाफी पर पूरी किताब लिखी जाएगी. कांग्रेस विधायक ने कहा कि अंत में मेरे पास दो विकल्प बचे थे. 


राणा ने कहा कि, उन विकल्पों में पहला था या तो मैं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की किचन कैबिनेट में शामिल होकर सत्ता का सुख भोगता, या फिर बगावत का बिगुल बजा देता. मैं राज्य की जनता के हित के लिए दूसरे विकल्प को चुना. उन्होंने आगे कहा "देवभूमि ने मुझे बचपन से सिखाया है कि अगर सच्चाई के लिए विद्रोह जरूरी हो, तो कभी भी संकोच नहीं करना चाहिए. मैंने देवभूमि की शिक्षाओं, मूल्यों और संस्कृति को अपनाया और विद्रोह का बिगुल बजाया."


प्रेम कुमार धुमल को हराया था
राजिंदर राणा ने कहा कि, मेरा विद्रोह अपने अंतिम पड़ाव पर है और जल्द ही आपको इसका परिणाम देखने को मिलेगा, जो हिमाचल के लिए एक सुखद मील का पत्थर साबित होगा. साथ ही राणा ने पहाड़ी राज्य के लोगों से भविष्य में भी उन पर अपना आशीर्वाद बनाए रखने का आग्रह किया. बता दें कि, छह बगावत करने वाले विधायकों में शामिल राजिंदर राणा ने 2017 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को हराकर बड़ा उलटफेर किया था.  


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