Rajya sabha Elections 2024: कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी गुरुवार को हिमाचल प्रदेश की राज्यसभा सीट से नामांकन करेंगे. वे बुधवार को ही शिमला पहुंच चुके हैं. गुरुवार दोपहर एक बजे वे हिमाचल प्रदेश विधानसभा परिसर में नामांकन प्रक्रिया पूरी करेंगे. नामांकन के दौरान उनके साथ देने के लिए विशेष तौर पर हिमाचल कांग्रेस प्रभारी और राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला के साथ छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी आए हुए हैं. भूपेश बघेल हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के पर्यवेक्षक भी रह चुके हैं.
बैठक में तीनों निर्दलीय विधायक भी हुए शामिल
राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी के नामांकन भरने से पहले कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई. यह बैठक राज्य अतिथि गृह पीटर हॉफ में हुई. बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने की. बैठक में कांग्रेस विधायकों के साथ तीन निर्दलीय विधायकों ने भी हिस्सा लिया. बैठक में हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला, हिमाचल कांग्रेस सह प्रभारी तेजिंदर पाल बिट्टू और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी शामिल हुए. कुल 68 सीटों वाली हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के पास 40 विधायकों के साथ पूर्ण बहुमत है.
सदन में तीनों निर्दलीय विधायक भी कांग्रेस सरकार का ही समर्थन कर रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस सरकार ने राज्यसभा चुनाव में भी अपना साथ देने के लिए तीनों निर्दलीय विधायकों को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में विशेष तौर पर आमंत्रित किया. बता दें कि नालागढ़ से निर्दलीय विधायक कृष्ण लाल ठाकुर और देहरा से होशियार सिंह ने भारतीय जनता पार्टी से बागी होकर चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी. वहीं, हमीरपुर से विधायक आशीष शर्मा ने कांग्रेस से बागी होकर चुनाव लड़ा था.
लंबी मंत्रणा के बाद तय हुआ है सिंघवी का नाम
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने लंबी मंत्रणा के बाद हिमाचल प्रदेश से अभिषेक मनु सिंघवी का नाम तय किया है. इससे पहले हिमाचल प्रदेश की राज्यसभा सीट से सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी के भी नामांकन भरने की चर्चा जोरों पर रही. जब सोनिया गांधी के राजस्थान से नामांकन भरने की जानकारी सामने आई, तब कांग्रेस नेता अजय माकन का नाम भी हिमाचल प्रदेश से चर्चाओं में रहा. हालांकि बाद में अजय माकन कर्नाटक की सूची में आ गया. अभिषेक मनु सिंघवी के सामने राज्यसभा में हिमाचल प्रदेश के मुद्दों की पर भी करने की बड़ी चुनौती रहने वाली है. जानकार मानते हैं कि सिंघवी को सांसदी के दौरान हिमाचलियत को भी जीना पड़ेगा, क्योंकि हिमाचल प्रदेश विधानसभा के चुनाव के दौरान कांग्रेस ने 'हिमाचल और हिमाचलियत' के नाम पर ही चुनाव लड़ा था.