Nari Shakti Vandan Bill: बुधवार को लोकसभा में नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित हुआ. इसके बाद इस बिल को चर्चा के बाद वीरवार को संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में भी सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया. इस दौरान पक्ष-विपक्ष के सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया. हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा सांसद ने भी इस चर्चा में हिस्सा लिया. उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस ऐतिहासिक कदम के लिए आभार व्यक्त किया. अपने वक्तव्य के दौरान राज्यसभा सांसद इंदु गोस्वामी ने हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की राज्य सरकार की ओर से महिलाओं को किया गया वादा भी याद दिलाया.


राज्यसभा में कांग्रेस को याद दिलवाया वादा
सांसद इंदु गोस्वामी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने 18 साल से 59 साल की महिलाओं को हर महीने 1 हजार 500 रुपए देने का वादा किया था. अब नौ महीने का वक्त बीत चुके हैं, लेकिन यह वादा पूरा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि नौ महीने बाद महिलाएं अपना पर्स खोलकर इस आर्थिक मदद को ढूंढ रही हैं. उन्होंने कहा कि महिलाएं हिमाचल से लेकर दिल्ली तक कांग्रेस नेताओं से यह सवाल करती हैं, लेकिन इसका कोई जवाब नहीं मिलता. इंदु गोस्वामी ने कहा कि कांग्रेस ने महिलाओं को सिर्फ वोट की राजनीति तक ही सीमित रखने का काम किया है. बता दें कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने 18 साल से 59 साल की महिलाओं को हर महीने 1 हजार 500 रुपए देने का वादा किया था. फिलहाल सुक्खू सरकार ने स्पीति घाटी की महिलाओं को ही यह धनराशि देने का ऐलान किया है. इसके लिए हिमाचल प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल की अध्यक्षता में एक कैबिनेट सब कमेटी का भी गठन किया गया है.


PM मोदी ने दिया महिलाओं को दिया अधिकार- इंदु गोस्वामी
इंदु गोस्वामी हिमाचल प्रदेश से एकमात्र महिला राज्यसभा सांसद हैं. हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा से अन्य दो सांसद जगत प्रकाश नड्डा और प्रोफेसर सिकंदर कुमार हैं. अपने वक्तव्य के दौरान इंदु गोस्वामी ने कहा कि सदन में विपक्षी सदस्यों ने भाजपा पर केंद्र सरकार पर बिल के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया, लेकिन वास्तव में ऐसा है नहीं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सांसद हमसे नौ साल का हिसाब मांग रहे हैं. कांग्रेस ने तो 60 साल तक देश पर राज किया, लेकिन महिलाओं को सिर्फ वोट बैंक ही समझा. उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं की आवाज सुनी और ऐतिहासिक कदम उठाकर संसद और राज्य की विधानसभा में 33 फीसदी आरक्षण देने का बड़ा कदम उठाया.


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