Sukhvinder Singh Sukhu News: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार रिटायर्ड आईएएस अधिकारी राम सुभग सिंह पर काफी मेहरबान नजर आ रही हैं. सरकार ने एक बार फिर रिटायर्ड आईएएस अधिकारी को एक साल का एक्सटेंशन दे दिया है.


यह उनका दूसरा सेवा विस्तार है. राम सुभग सिंह एक साल के लिए और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रधान सलाहकार बने रहेंगे. 31 जुलाई यानी आज इस संबंध में अधिसूचना भी जारी हो गई है. गौर हो कि राम सुभग सिंह को विवादों की वजह से पद से भारमुक्त किया गया था. विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस अक्सर राम सुभग सिंह पर हमलावर नजर आती थी, लेकिन अब कांग्रेस सरकार राम सुभग सिंह पर मेहरबान नजर आ रही है. राम सुभग सिंह 1987 बैच के IAS अधिकारी हैं.


विवादों में घिर चुके हैं राम सुभग सिंह


तत्कालीन जयराम सरकार में पर्यटन विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव रहते हुए राम सुभग सिंह विवादों में घिर गए थे. दरअसल, इन्वेस्टर मीट के लिए तैयार किए गए एक पोर्टल विवादित डॉक्यूमेंट अपलोड हो गया था. हैरानी की बात यह थी कि इसकी जानकारी न तो तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को थी और न ही उनकी कैबिनेट को. इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने सदन में इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया था. तब के मुख्य सचिव बीके अग्रवाल ने संबंध में तीन दिन में रिपोर्ट भी तलब की थी और उन्हें भारमुक्त कर दिया गया था. इसके बाद राम सुभग सिंह को बाद में आयुष विभाग दिया गया. वह विभाग भी उनसे पांच दिन में वापस ले लिया गया था.


टायर्ड-रिटायर्ड कर्मचारियों का होता रहा विरोध


हिमाचल प्रदेश के दोनों मुख्य दल कांग्रेस और भाजपा हमेशा से ही टायर्ड और रिटायर्ड कर्मचारियों का विरोध करते रहे हैं. विपक्ष में रहते हुए हर पार्टी यही तर्क देती है कि कर्मचारियों और अधिकारियों को सेवा विस्तार नहीं दिया जाना चाहिए, लेकिन जैसे ही किसी भी पार्टी के हाथ में सत्ता आती है. वह इसी तरह अधिकारियों और कर्मचारियों को सेवा विस्तार देना शुरू कर देते हैं. इससे राज्य के बेरोजगार युवाओं में भी खास रोष रहता है.


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