CM Disaster Relief Fund 2023: हिमाचल प्रदेश में हुई बारिश ने प्रदेश भर में जमकर तबाही मचाई है. प्रदेश ने ऐसी तबाही बीते 50 सालों में कभी नहीं देखी. प्रदेश सरकार को भारी बारिश की वजह से अब तक करीब नौ हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. बकौल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह यह नुकसान 12 हजार करोड़ रुपए के पार होने की आशंका है. इस बीच हिमाचल प्रदेश सरकार ने आम जनता का सहयोग पाने के लिए आपदा राहत कोष- 2023 का गठन किया है. इस राहत कोष में हर कोई बढ़-चढ़कर योगदान कर रहा है. दो सितंबर तक आपदा राहत कोष में 163 करोड़ रुपए का अंशदान प्राप्त हो चुका है.
बूढी मां ने दान कर दी एक महीने की पेंशन
हिमाचल प्रदेश के लिए इस संकट की घड़ी में न केवल अन्य राज्य सरकारों का साथ मिल रहा है, बल्कि प्रदेश के बच्चे-बूढ़े भी सरकार की मदद के लिए आगे आ रहे हैं. शिमला शहर की पंथाघाटी की रहने वाली सोमा देवी ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात कर अपनी एक महीने की पेंशन 61 हजार रुपए मुख्यमंत्री राहत कोष में अंशदान के रूप में दी. इसी तरह 15 साल की अवनी ने अपने जन्मदिन के मौके पर आपदा राहत कोष में 51 हजार रुपए का योगदान दिया. इसके अलावा प्रदेश में स्थित शक्तिपीठों से भी भरपूर आर्थिक सहयोग मिल रहा है. श्री ज्वालामुखी मंदिर न्यास ने पांच करोड़ रुपए और मां श्री चिंतपूर्णी ट्रस्ट ने दो करोड़ रुपए आपदा राहत कोष में योगदान दिया है.
अन्य राज्य सरकारों से भी मिला सहयोग
हिमाचल प्रदेश में आपदा से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए बनाए गए इस राहत कोष में सभी विधायकों ने अपनी एक महीने का वेतन कोष में दान किया है. इसकी शुरुआत खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने की थी. यही नहीं, राजस्थान और कर्नाटक सरकार से भी हिमाचल को 15-15 करोड़ रुपए का सहयोग मिला है. छत्तीसगढ़ सरकार ने हिमाचल को 11 करोड़ रुपए, तमिलनाडु ने 10 करोड़ रुपए और हरियाणा सरकार ने पांच करोड़ रुपए की आर्थिक मदद दी है. इसके अलावा कर्मचारियों ने भी अपने एक दिन का वेतन आपदा राहत कोष में दान किया है. सरकार ने आपदा प्रभावितों तक मदद पहुंचाने के लिए इसके लिए एक विशेष पोर्टल भी बनाया है. इच्छुक दानी लोग ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से इस संकट की घड़ी में हिमाचल प्रदेश को उबारने के लिए अपना योगदान दे सकते हैं.