Himachal Floods News : हिमाचल प्रदेश में बीते दिनों तबाही का मंजर देखा गया , जो आज से पहले कभी नहीं देखा गया था. हिमाचल प्रदेश में हुई तबाही की तस्वीरें हर किसी की उस खराब स्मृति में जुड़ गई हैं. जिसे कोई भी याद नहीं रखना चाहता. हिमाचल प्रदेश की खतरनाक नदियों के किनारे हुए निर्माण की वजह से तबाही कई गुना ज्यादा बढ़ गई. अब हिमाचल प्रदेश सरकार अपनी इस गलती से सीख लेने की तैयारी कर रही है. जानकारी के मुताबिक, अगली कैबिनेट बैठक में नदी-नालों के किनारे निर्माण को लेकर नए नियम तैयार करने का प्रस्ताव लाया जाना है. हिमाचल प्रदेश सरकार इस प्रस्ताव के जरिए नदी-नालों के किनारे होने वाले निर्माण के नियमों को सख्त बना देगी. प्रदेश सरकार में कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार पहले ही इन नियमों को सख्त बनाने और कैबिनेट में इस पर गंभीर चर्चा की बात कह चुके हैं.
नियम सख्त करने के संकेत
हिमाचल प्रदेश सरकार में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी हिमाचल में हुई तबाही की वजह प्राकृतिक नहीं, बल्कि अवैध खनन को बताया था. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कई बार इस बात को दोहरा चुके हैं कि इस बार ऐसी तबाही देखी, जो बीते 50 साल में नहीं देखी गई थी. हिमाचल प्रदेश को इस तबाही से चार हजार करोड़ से ज्यादा के नुकसान का आकलन है. पहले ही कर्ज के बोझ तले दबे हिमाचल प्रदेश पर तबाही के बाद अतिरिक्त व्यवस्था भी होती हुई नजर आ रही है. ऐसे में भविष्य को लेकर सरकार सतर्कता बरत रही है. भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा नदी और नालों के किनारे बने चारों को पूरी तरह तबाह कर दिया, जबकि दो हजार से ज्यादा दुकानों और घरों को आंशिक रूप से नुकसान हुआ. पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश पहाड़ों और शांत रहकर बहने वाली नदियों के रूप से भविष्य में ऐसी तबाही दोबारा न हो, इसे लेकर नियम सख्त किए जाने हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू खुद इस बात के संकेत दे चुके हैं.
हिमाचल को करोड़ का नुकसान
भारी बारिश की वजह से हिमाचल प्रदेश को 4414.95 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। इस में जल शक्ति विभाग को 1411.78.58 करोड़ रुपए, लोक निर्माण विभाग को 1261.89 करोड़ रुपए, बिजली विभाग को 1382.57 करोड़ रुपए, बागवानी विभाग को 75.27 करोड़ रुपए, शहरी विकास विभाग को 6.47 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. इसके अलावा भारी बारिश की वजह से अब तक 117 लोगों की जान जा चुकी है. प्रदेशभर में बारिश की वजह से 481 घर पूरी तरह तबाह हो गए, जबकि 3 हजार 863 को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा. बारिश के कारण 133 दुकानें और 1008 पशु घर तबाह हुए, जबकि 935 जानवरों को भी जान गवानी पड़ी. 24 जून से अब तक हिमाचल प्रदेश में 53 भूस्खलन और 41 अचानक बाढ़ आने की घटनाएं रिकॉर्ड की जा चुकी हैं.