Sanjauli Masjid Update: संजौली मस्जिद मामले में शनिवार (7 दिसंबर) यानी आज नगर निगम आयुक्त की अदालत में सुनवाई नहीं होगी. इससे पहले मामले में 7 दिसंबर को ही मामले में सुनवाई होने की जानकारी थी. जिला अदालत से संजौली मस्जिद का रिकॉर्ड वापस न आने की वजह से यह सुनवाई नहीं हो सकेगी.
जिला अदालत में नगर निगम आयुक्त की अदालत के उस फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें तीन फ्लोर गिरने के आदेश दिए गए हैं.हिमाचल मुस्लिम आर्गेनाइजेशन ने जिला अदालत में फैसले को चुनौती दी थी. इसके बाद जिला अदालत ने नगर निगम से सारा रिकॉर्ड तलब किया था. जब यह रिकॉर्ड जिला अदालत से वापस नगर निगम के पास आएगा. उसके बाद इस केस में आगामी कार्रवाई होगी. गौर हो कि जिला अदालत ने भी अपील को खारिज कर दिया है और संजौली मस्जिद के तीन फ्लोर हटाने के आदेश कायम हैं.
5 अक्टूबर को हुए थे तीन फ्लोर गिराने के आदेश
बीते 5 अक्टूबर को नगर निगम आयुक्त की अदालत ने मस्जिद के दूसरे, तीसरे और चौथे फ्लोर को हटाने के आदेश दिए हैं. मस्जिद के अवैध हिस्से को हटाने का काम संजौली मस्जिद कमेटी खुद कर रही है. 21 अक्टूबर को संजौली मस्जिद कमेटी की अवैध हिस्से को हटाने का काम शुरू हुआ था. संजौली मस्जिद कमेटी को नगर निगम आयुक्त की अदालत के मुताबिक अवैध हिस्से को हटाने का सारा खर्च खुद वहन करना है. संजौली मस्जिद कमेटी को इसके लिए वक्फ बोर्ड से भी कोई मदद नहीं मिल रही है. फिलहाल, संजौली मस्जिद की पांचवीं मंजिल के बड़े हिस्से को हटाने का काम पूरा हो चुका है.
कोर्ट ने भी दिए आठ हफ्ते में शिकायत निपटारे के आदेश
इससे पहले 21 अक्टूबर को भी हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में भी स्थानीय लोगों की याचिका पर सुनवाई हुई थी. इस सुनवाई के दौरान भी हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने नगर निगम आयुक्त को आठ हफ्ते में मामले का शिकायत का निपटारा करने के लिए कहा है.
यह शिकायत साल 2010 में स्थानीय लोगों की ओर से नगर निगम शिमला को दी गई थी, जिसमें जमीन पर अवैध निर्माण की बात कही गई है. जज संदीप शर्मा ने मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद सभी पक्षों की सहमति से इस याचिका का निपटारा करते हुए नगर निगम आयुक्त को आठ हफ्ते के अंदर मस्जिद से जुड़ी साल 2010 की शिकायत का निपटारा करने के आदेश दिए. इस शिकायत में खुद एम.सी. शिमला शिकायतकर्ता है.
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