Sanjauli Masjid Latest Update: जिला अदालत में शुक्रवार को संजौली मस्जिद मामले में एक बार फिर सुनवाई हुई. ऑल हिमाचल मुस्लिम आर्गेनाइजेशन ने जिला अदालत में नगर निगम आयुक्त की अदालत के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें मस्जिद के तीन फ्लोर को हटाने के आदेश जारी किए गए हैं.


यह मामला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश-I, शिमला की अदालत में जज प्रवीण गर्ग में सुना जा रहा है. शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष की वैधता को लेकर बोर्ड ने शपथ पत्र दायर किया. इसके लिए जिला अदालत ने 18 नवंबर को सुनवाई के दौरान आदेश दिए थे. ऑल हिमाचल मुस्लिम आर्गेनाइजेशन की तरफ से मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष की वैधता को लेकर प्रश्न उठाए गए हैं.


वक्फ बोर्ड ने मोहम्मद लतीफ को ही बताया अपना अध्यक्ष


वक्फ बोर्ड ने अपने शपथ पत्र में मोहम्मद लतीफ को साल 2006 से मस्जिद कमेटी का अध्यक्ष बताया है. इस पर याचिकाकर्ता ने सवाल खड़े किए. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जिला अदालत ने 30 नवंबर को मामले की अगली सुनवाई तय की है.


इस दिन मुख्य याचिका पर फैसला भी सुनाया जाएगा. वक्फ बोर्ड के वकील ने अदालत में कहा कि सेक्शन- 18 के तहत वक्फ बोर्ड ने मोहम्मद लतीफ को अध्यक्ष बनाया है. वक्फ बोर्ड के स्टेट ऑफिसर कुतुबुद्दीन ने कहा कि साल 2006 से मोहम्मद लतीफ संजौली मस्जिद कमेटी के प्रधान हैं और वक्फ एक्ट के मुताबिक मोहम्मद लतीफ को प्रधान के तौर पर ऑथराइज्ड किया गया है.


30 नवंबर को आएगा फैसला


वहीं, ऑल हिमाचल मुस्लिम आर्गेनाइजेशन के की ओर से पेश हुए वकील विश्व भूषण ने सवाल उठाते हुए कहा है कि साल 2006 में बनाए गए अध्यक्ष 18 साल तक कैसे बने रहे. साल 2006 के बाद मस्जिद कमेटी का अध्यक्ष बदला क्यों नहीं गया. वक्फ एक्ट के मुताबिक पांच साल तक ही कोई व्यक्ति अध्यक्ष पद पर रह सकता है. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले की अगली सुनवाई 30 नवंबर को तय की है.


क्या है पूरा मामला?


गौर हो कि ऑल हिमाचल मुस्लिम आर्गेनाइजेशन ने जिला अदालत में नगर निगम आयुक्त की अदालत के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें मस्जिद के तीन फ्लोर को हटाने के आदेश जारी किए गए हैं. यह मामला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश-I, शिमला की अदालत में जज प्रवीण गर्ग में सुना जा रहा है. संजौली मस्जिद कमेटी ने 11 सितंबर को खुद ही नगर निगम आयुक्त के दफ्तर में जाकर उन तीन फ्लोर को हटाने की पेशकश की थी, जिसे अवैध बताया जा रहा था. इसके बाद पांच अक्टूबर को नगर निगम की अदालत ने संजौली मस्जिद के तीन फ्लोर को हटाने के आदेश दिए थे.


इसके लिए कमेटी को दो महीने का वक्त दिया गया था. हालांकि बाद में यह काम जब शुरू हुआ, तो मस्जिद कमेटी ने धन की कमी के चलते मस्जिद हटाने के काम को मस्जिद के तीन फ्लोर को हटाने का काम बंद कर दिया.


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