(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
'बीजेपी सरकार के समय...,' मंत्री अनिरुद्ध सिंह का संजौली मस्जिद को लेकर बड़ा दावा
Sanjauli Masjid Row: शिमला स्थित संजौली मस्जिद को लेकर कांग्रेस और बीजेपी नेताओं में एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप जारी है. इस बीच कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने इसको लेकर बड़ा दावा किया है.
Sanjauli Masjid Controversy: बुधवार (11 सितंबर) को हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली इलाके में मस्जिद को लेकर खूब विवाद हुआ. इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई. गुरुवार (12 सितंबर) को शिमला में एक बार फिर शांति बहाल करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाया. मस्जिद कमेटी ने इमाम के साथ खुद नगर निगम आयुक्त को प्रार्थना पत्र सौंपा और अवैध बताए जा रहे हिस्से को हटा देने की बात कही.
यही नहीं, उन्होंने नगर निगम आयुक्त से यह भी कहा कि अगर वे चाहें, तो इस पूरे हिस्से को फैसला आने तक सील कर दें. नगर निगम आयुक्त जो भी फैसला लेंगे, मस्जिद कमेटी को वह मान्य होगा.
अनिरुद्ध सिंह का बीजेपी पर आरोप
इस बीच हिमाचल प्रदेश सरकार में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने बड़ा खुलासा किया और बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए. कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि बीजेपी सरकार के समय मस्जिद के अधिकारियों को योजना शीर्षक- वीकेवी- 2019/774 के तहत दो लाख रुपये दिए थे.
कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने दावा किया कि बीजेपी सरकार के कार्यकाल के दौरान मस्जिद के लिए लाखों रुपये की वित्तीय सहायता दी. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार शीघ्र ही रेहड़ी-फड़ी लगाने के लिए नीति लाएगी. प्रवासियों के प्रदेश आने पर उनकी जांच पड़ताल सही ढंग से हो इसके लिए मुख्यमंत्री और विधानसभा के अध्यक्ष मिलकर एक नए संस्थान को बनाने पर विमर्श करेंगे.
'राज्य में बनेगी वेंडर पॉलिसी'
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा, "इसके अलावा किराए पर रह रहे लोगों, दुकानों में काम कर रहे लोगों, प्रवासी दिहाड़ीदार, रेहड़ी- फड़ी लगाने वाले और घरों में काम करने वाले प्रवासी लोगों के पहचान पत्रों की दोबारा जांच की जाएगी."
अनिरुद्ध सिंह ने कहा, "प्रदेश सरकार आजीविका कमाने के लिए प्रदेश के बाहर से आए रेहड़ी-फड़ी वालों के लिए अलग से स्थान चिन्हित करने पर भी विचार कर रही है. भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां सभी को किसी भी प्रदेश में जाकर काम करने की आजादी है."
'बीजेपी ने मामले को दिया धार्मिक रुप'
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "कोविड के समय बिना अनुमति के यह ढांचा कैसे बनाया गया, इसकी जांच होनी चाहिए." उन्होंने कहा, "तत्कालीन नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका पर कई सवाल खड़े होते हैं, जिसकी आने वाले समय में जांच की जाएगी."
विक्रमादित्य सिंह ने स्थानीय लोगों से आग्रह किया कि जब तक कमिश्नर कोर्ट नहीं ले लेता, तब तक सभी संयम बना कर रखें और कानून को अपने हाथों में लेने से बचें. प्रदेश सरकार लोगों की भावनाओं की कद्र करती है और यह भी अपेक्षा करती है कि राज्य के शांत वातावरण को किसी के बहकावे में आकर नहीं बिगड़ने दिया जाएगा.
हिमाचल सरकार में कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "यह विवाद मस्जिद के कानूनी और गैर कानूनी ढांचे को लेकर शुरू हुआ था, लेकिन बीजेपी नेताओं ने बीच में आकर इस पूरे विवाद को धार्मिक रूप दे दिया."
पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज का पलटवार
हिमाचल प्रदेश के पूर्व शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा, "ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह और शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह दोनों अलग-अलग तरह की बात कर रहे हैं." उन्होंने कहा, "बायां हाथ क्या कर रहा है, यह दाएं हाथ को ही नहीं पता है. दोनों हाथ क्या कर रहे हैं, उनके शरीर को ही मालूम नहीं है."
सुरेश भारद्वाज ने कहा, "राज्य सरकार के दोनों मंत्री और शिमला से कांग्रेस के विधायक हरीश जनारथा अलग-अलग बातें कर रहे हैं." उन्होंने कहा, "कांग्रेस इस पूरे मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है."
बीजेपी नेता सुरेश भारद्वाज ने कहा कि जब मस्जिद कमेटी खुद अब मान रही है कि अवैध हिस्से को हटा दिया जाए, तो इस पर सरकार को आगे बढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने न तो इस पूरे मामले को सांप्रदायिक रंग दिया और न ही भविष्य में ऐसा करेगी.
पूर्व शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि सरकार को मामले में कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने संजौली में निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर हुए लाठीचार्ज को भी दुर्भाग्य पूर्ण करार दिया.
ये भी पढ़ें: कैसे शुरु हुआ शिमला की संजौली मस्जिद का विवाद? इमाम ने abp न्यूज़ से किया खुलासा