Himachal News Today: पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में अब एक बार फिर शांति बहाल होती हुई नजर आ रही है. इस बीच हिंदू संगठनों ने 'हिमाचल बंद' का आह्वान किया है. हिंदू संगठन के नेता कमल गौतम ने सभी व्यापारियों से अनुरोध किया है कि वह दोपहर 1:30 बजे तक अपनी दुकान बंद रखें. 


हिंदू संगठनों का यह विरोध शिमला के संजौली में पुलिस के जरिये प्रदर्शनकारियों पर किए गए लाठी चार्ज और वॉटर कैनन के इस्तेमाल के खिलाफ होगा. हिंदू सगंठनों के जरिये राज्य में अलग- अलग स्थानों पर प्रदर्शन की भी चेतावनी दी गई है.


14 सितंबर को हिमाचल बंद का आह्वान
हिंदू जागरण मंच के पूर्व प्रांत मंत्री और संजौली में आंदोलन के प्रमुख चेहरा रहे कमल गौतम ने कहा कि "पुलिस ने संजौली में प्रदर्शनकारियों के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार किया. उन पर लाठियां भांजी गई. इसी के विरोध में अब 14 सितंबर को बंद का आह्वान किया गया है." 


कमल गौतम ने सभी व्यापारियों से अनुरोध किया है कि "वह सुबह 10 से लेकर दोपहर 1:30 तक अपनी दुकान बंद रखें और विरोध दर्ज करवाएं." उन्होंने कहा, "सभी व्यापारियों को यह बताने की जरूरत है कि अगर हिंदू के साथ किसी भी तरीके का विद्वेष वाला व्यवहार होगा, तो इसे सहन नहीं किया जाएगा."


कमल गौतम ने चेतावनी देते हुए कहा, "प्रदेश में इसके विरोध में धरना प्रदर्शन भी किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रदेश भर के लोग राज्य सरकार के साथ-साथ पूरे देश को भी एक बड़ा संदेश देंगे."


11 सितंबर को क्या हुआ था?
बता दें, 11 सितंबर को सुबह 11 बजे बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी संजौली में जुटे थे. हालात को देखते हुए जिला शिमला प्रशासन ने यहां धारा- 163 लागू कर दिया था. इसके तहत यहां पांच या पांच से ज्यादा लोगों के एकत्रित होने पर पूरी तरह पाबंदी लगाई गई थी. 


इसके बावजूद मौके पर प्रदर्शनकारी जुटे और ढली टनल से बैरिकेडिंग तोड़ते हुए तेजी से संजौली की ओर पहुंच गए. यहां पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए लाठी चार्ज किया और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया. इसके विरोध में प्रदर्शनकारियों ने भी पुलिस कर्मचारियों के ऊपर पथराव किया. 


स्थिति काफी देर तक तनाव पूर्ण बनी रही. शाम होते- होते आंदोलन पर धरना प्रदर्शन खत्म हो सका. गुरुवार (12 सितंबर) को ही मस्जिद कमेटी का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम शिमला आयुक्त भूपेंद्र अत्री से मिला और उस हिस्से को हटाने की अनुमति मांगी, जिसे कथित तौर पर अवैध बताया जा रहा है.


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