Shimla Mosque News: शिमला के संजौली मस्जिद मामले में नगर निगम आयुक्त के कोर्ट के फैसले को मुस्लिम पक्ष ने चुनौती देने का फैसला लिया है. मुस्लिम पक्ष के पदाधिकारी ने बुधवार को शिमला के बालूगंज में बनी मस्जिद में बैठक की.
बैठक के बाद यह फैसला लिया कि इस लड़ाई को वे न्यायलय में लड़ेंगे. इस बैठक के बाद संगठन के प्रवक्ता नजाकत अली हाशमी ने कहा कि बैठक में इस फैसले को चुनौती देने का निर्णय लिया गया है. अभी उनके पास इस आदेशों की सेटिस्फाइड कॉपी नहीं आई है. इस प्रति के आते ही नगर निगम आयुक्त की अदालत के इस फैसले को चुनौती दी जानी है. यहां न्याय नहीं मिलता है, तो न्याय के अंतिम पायदान तक मस्जिद बचाने की जंग को लड़ा जाएगा.
बुधवार की शिमला में हुई बैठक
बुधवार को शिमला के संगठन के पदाधिकारियों ने मस्जिद कमेटी पर निशाना साधते हुए कहा कि मस्जिद कमेटी अवैध मंजिल को सील करने और गिराने को लेकर पत्र आयुक्त को सौंपने के लिए अधिकृत नहीं है. संजौली मस्जिद कमेटी ने वक्फ बोर्ड और अन्य मुस्लिम समुदाय के लोगों को विश्वास में लिए बगैर ही ऐसा फैसला ले लिया. ऐसे में नगर निगम शिमला आयुक्त कोर्ट ने जो फैसला दिया है, वह मुस्लिम समुदाय की आस्था के साथ खिलवाड़ करने वाला है. इसका मुस्लिम समुदाय विरोध करता है.
न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट तक जाने को तैयार
संगठन के प्रवक्ता नजाकत अली हाशमी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि आयुत कोर्ट का फैसला सही नहीं है. यह फैसला तथ्यों पर नहीं दिया गया है. इस फैसले से मुस्लिम समुदाय के लोगों की आस्था को ठेस पहुंचेगी. इसके खिलाफ मुस्लिम समुदाय कोर्ट जाएगा. उन्होंने कहा कि न्याय के लिए मुस्लिम समुदाय के लोग आखिरी तक सुप्रीम कोर्ट तक जाने को तैयार है. जैसे ही आयुत कोर्ट के आदेश की कॉपी मिल जाएगी, उसके बाद संगठन इस फैसले के खिलाफ आगामी क़ानूनी कार्रवाई करेगा.
5 अक्टूबर को निगम आयुक्त की अदालत ने दिया फैसला
बता दें कि 5 अक्टूबर को नगर निगम शिमला आयुक्त ने संजौली मस्जिद के उस हिस्से को हटाने की अनुमति दे दी है, जिसे खुद ही वक्फ बोर्ड और मस्जिद कमेटी ने आगे आकर हटाने की पेशकश की थी. इसके लिए दो महीने का वक्त दिया गया है.
नगर निगम के आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने कहा कि मस्जिद के तीन फ्लोर को हटाने का काम वक्फ बोर्ड की देखरेख में होगा. आयुक्त ने कहा कि मस्जिद की दूसरी, तीसरी और चौथी मंजिल को हटाए जाने की अनुमति दी जाती है. मस्जिद के शेष हिस्से की सुनवाई 21 दिसंबर, 2024 को होगी.
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