Sanjauli Mosque Latest Update: शिमला जिला अदालत में सोमवार (18 नवंबर) को संजौली मस्जिद मामले में सुनवाई हुई. जिला अदालत ने हिमाचल मुस्लिम आर्गेनाइजेशन की याचिका की मेंटेनेबिलिटी पर सुनवाई की. जिला अदालत ने अब मामले में वक्फ बोर्ड को एफिडेविट दायर करने के लिए कहा है.
कोर्ट के बाहर मीडिया से बातचीत के दौरान नगर निगम की ओर से पेश हुए वकील भुवनेश पाल ने बताया कि वक्फ बोर्ड को जिला अदालत को यह बताना होगा कि उन्होंने किस आधार पर संजौली मस्जिद कमेटी को परमिशन दी थी.
अदालत ने वक्फ बोर्ड को एफिडेविट के जरिए यह भी बताने के लिए कहा है कि क्या मोहम्मद लतीफ संजौली मस्जिद कमेटी के प्रेसिडेंट हैं या नहीं. जिला अदालत में यह जवाब वक्फ बोर्ड के स्टेट ऑफिसर को देना है. हिमाचल मुस्लिम आर्गेनाइजेशन की दलील है कि खुद को संजौली मस्जिद कमेटी का अध्यक्ष बता रहे मोहम्मद लतीफ मस्जिद के तीन फ्लोर को हटाने की पेशकश करने के लिए अधिकृत नहीं थे. अब इस मामले में 22 नवंबर को अगली सुनवाई होगी.
वकील विश्व भूषण ने की मीडिया से बातचीत
हिमाचल मुस्लिम आर्गेनाइजेशन की ओर से पेश हुए वकील विश्व भूषण ने कहा कि मीडिया के साथ बातचीत के दौरान कहा कि कोर्ट ने वक्फ बोर्ड को एक एफिडेविट दायर करने के लिए कहा है. इस एफिडेविट में वक्फ बोर्ड को यह बताना होगा कि जिस संजौली मस्जिद कमेटी की बात कही जा रही है, क्या वह वक्फ एक्ट के सेक्शन- 18 के तहत बनी भी है या नहीं.
उन्होंने यह भी दलील दी है कि सलीम और मोहम्मद लतीफ मस्जिद की ओर से बार-बार इस मामले में पेश होते रहे, लेकिन वास्तव में वह पेश नहीं हो सकते थे. नगर निगम आयुक्त की अदालत ने यह भी नहीं जांच की वह किस योग्यता के आधार पर लगातार पेश हो रहे हैं. अब वक्फ बोर्ड को यह बताना होगा कि संजौली मस्जिद कमेटी है अस्तित्व में है भी या नहीं.
मस्जिद के तीन फ्लोर हटाने को लेकर आदेश जारी
गौर हो कि ऑल हिमाचल मुस्लिम आर्गेनाइजेशन ने जिला अदालत में नगर निगम आयुक्त की अदालत के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें मस्जिद के तीन फ्लोर को हटाने के आदेश जारी किए गए हैं. यह मामला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश-I, शिमला की अदालत में जज प्रवीण गर्ग में सुना जा रहा है. संजौली मस्जिद कमेटी ने 11 सितंबर को खुद ही नगर निगम आयुक्त के दफ्तर में जाकर उन तीन फ्लोर को हटाने की पेशकश की थी, जिसे अवैध बताया जा रहा था.
इसके बाद पांच अक्टूबर को नगर निगम की अदालत ने संजौली मस्जिद के तीन फ्लोर को हटाने के आदेश दिए थे. इसके लिए कमेटी को दो महीने का वक्त दिया गया था. हालांकि बाद में यह काम जब शुरू हुआ, तो मस्जिद कमेटी ने धन की कमी के चलते मस्जिद हटाने के काम को मस्जिद के तीन फ्लोर को हटाने का काम बंद कर दिया.