Himachal Protest: हिमाचल राजभवन के बाहर SFI ने लगाए 'तोड़ दो मरोड़ दो' के नारे, भारी बारिश में भी जारी रहा धरना-प्रदर्शन
छात्र संगठन SFI ने भारी बारिश के बीच राष्ट्रीय शिक्षा नीति के खिलाफ और छात्र संघ चुनाव बहाली को लेकर हिमाचल राज भवन के बाहर प्रदर्शन किया. SFI ने शिक्षा मंत्री की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए.
Himachal News: छात्र संगठन एसएफआई ने शुक्रवार दोपहर हिमाचल राजभवन के बाहर जोरदार धरना प्रदर्शन किया. भारी बारिश के बावजूद एसएफआई के कार्यकर्ता राजभवन के बाहर प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे. छात्र संगठन एसएफआई में नई शिक्षा नीति (National Education Policy), छात्र संघ चुनाव बहाल करने और विश्वविद्यालय में कथित तौर पर गलत तरीके से की गई भर्तियों के खिलाफ प्रदर्शन किया. गौरतलब है कि देश भर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति अपनाने वाला हिमाचल प्रदेश पहला राज्य बना है.
राज्यपाल से छात्र संगठन एसएफआई की मांग
छात्र संगठन एसएफआई के प्रदेश अध्यक्ष रमन थारटा ने कहा कि नई शिक्षा नीति देश के लोकतंत्र के खिलाफ है. उन्होंने नई शिक्षा नीति को कैंसर बताया और कहा कि जिस तरह कैंसर व्यक्ति की जड़ों को खत्म करता है. उसी तरह नई शिक्षा नीति की जड़ों पर हमला करेगी. उन्होंने कहा कि लंबे वक्त से छात्र संघ चुनाव बहाली नहीं हुई है. पहले कांग्रेस ने चुनाव बंद किए और सत्ता में आने से पहले भाजपा ने छात्र संघ चुनाव बहाली का वादा किया, लेकिन पांच साल तक पूरा नहीं किया. अब कांग्रेस सरकार भी इस बारे में कोई बात नहीं कर रही है.
राज्यपाल से समस्या सुलझाने की मांग
थारटा ने कहा कि बीते वक्त में 70 फ़ीसदी प्रोफेसरों की भर्तियां विश्वविद्यालय में गलत तरीके से हुई. विश्वविद्यालय में अब तक स्थाई कुलपति की नियुक्ति नहीं हो सकी है. इसके अलावा प्रदेश के 104 कॉलेजों में भी प्रिंसिपल नहीं हैं. ऐसे में प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल को इन सब बातों पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार उनकी बात नहीं मानेगी, तो आने वाले वक्त में छात्र शक्ति के साथ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे. छात्र संगठन एसएफआई ने कहा कि वे प्रदेश के राज्यपाल विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं. ऐसे में उन्हें इन बातों पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए.
एसएफआई ने शिक्षा मंत्री के खिलाफ खोला मोर्चा
छात्र नेता रमन थारटा ने कहा है कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री को इस ठाकुर को शिक्षा व्यवस्था से कोई लेना-देना नहीं है. इन दिनों उनके जो भी बयान आते हैं. वह या तो लोक निर्माण विभाग से संबंधित होते हैं या फिर अन्य विभागों से. शिक्षा मंत्री शिक्षा व्यवस्था के बारे में कोई बात नहीं करते. उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा-व्यवस्था चरमरा रही है और देश के शिक्षा मंत्री इस पर ध्यान नहीं दे रहे. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की तरफ कोई ध्यान नहीं है.