Himachal Pradesh News: शिमला के रोहड़ू में 36 साल बाद हुआ शांत महायज्ञ, सीएम सुक्खू ने आयोजन में युवाओं से की ये अपील
Shimla Shant Mahayagya: शांत महायज्ञ में पहुंचे मुख्यमंत्री सुक्खू ने प्रदेश के सुख और और समृद्धि की कामना की. इस दौरान उन्होंने युवा पीढ़ी से यहां की प्राचीन संस्कृति को सहेज कर रखने की अपील की.
CM Sukhwinder Singh Sukhu Rohru Visit: विश्व भर में हिमाचल प्रदेश की पहचान देव भूमि के रूप में है. यहां के समृद्ध देव संस्कृति को आज भी लोगों के प्रयासों से संजोकर रखा गया है. हजारों साल से चले आ रही परंपरा का निर्वहन आज भी यहां पर पूरे हर्षोल्लास के साथ किया जाता है, जिस तरह इसकी शुरुआत हुई थी. जिला शिमला के रोहड़ू क्षेत्र के गवास में 36 साल के बाद तीन दिवसीय शांत महायज्ञ का आयोजन हुआ. इस महायज्ञ में देवता गुडारू जी महाराज के मंदिर में पूजा-अर्चना की.
इसमें शामिल होने के लिए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू रोहड़ू पहुंचे, यहां पर स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री का जोरदार स्वागत किया. मीडिया से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि "36 साल बाद यह महायज्ञ धूमधाम के साथ आयोजित किया जा रहा है. इसमें क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में भाग ले रहे हैं." क्षेत्रवासियों को शांत महायज्ञ की बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि "हिमाचल प्रदेश के लोगों की देव संस्कृति में गहरी आस्था है, इसलिए हिमाचल प्रदेश को देवभूमि कहा जाता है. यह महायज्ञ हिमाचल प्रदेश की प्राचीन संस्कृति का प्रतीक है." उन्होंने कहा कि "हिमाचल प्रदेश के सभी निवासियों की देवी-देवताओं में गहरी आस्था और सभी को अपनी पुरातन संस्कृति पर गर्व है."
सीएम सुक्खू की युवाओं से की ये अपील
36 साल बाद हुए इस बड़े आयोजन में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी हिस्सा लिया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश की सुख और समृद्धि की कामना की. महायज्ञ में मुख्यमंत्री के साथ हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर समेत लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह समेत कई बड़े नेता शामिल हुए. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने युवा पीढ़ी से इस प्राचीन संस्कृति को सहेज कर रखने की अपील की. शांत महायज्ञ में क्षेत्र के हजारों लोग पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ शामिल होने के लिए पहुंचे हैं. साथ ही रोहड़ू और जुब्बल क्षेत्र के सात देवता और 13 खूंद शामिल हो रहे हैं.
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