Shimla Agreement 1972: यहां हुआ था ऐतिहासिक शिमला समझौता, रात के वक्त गूंजी आवाज- लड़का हुआ है
Shimla Agreement 1972: दो-तीन जुलाई की दरमियानी रात साल 1972 में शिमला समझौता हुआ था. यह समझौता शिमला के बानर्स कोर्ट में हुआ था, जहां अब राजभवन है.
Shimla Agreement 1972: भारत के लिए साल 1971 ऐतिहासिक रहा है. इस साल भारत और पाकिस्तान के बीच एक युद्ध हुआ. इस युद्ध के बाद पाकिस्तान का एक हिस्सा टूट कर बांगलादेश बन गया. इस युद्ध का शिमला से गहरा नाता है. ब्रिटिश शासनकाल में भारत की समर कैपिटल के ऐतिहासिक भवन बानर्स कोर्ट में शिमला समझौता हुआ था.
भारत संग युद्ध में पाकिस्तान की करारी हार के बाद दो जुलाई की रात ये समझौता हुआ था. ये समझौता हां और न की कशमकश के बीच पूरा हुआ. कई बार की बातचीत के बाद समझौता लगभग विफल हो चुका था, लेकिन फिर देर रात 12 बजकर 40 मिनट पर समझौते पर हस्ताक्षर हो गए. इस समझौते के पीछे की कहानी बेहद दिलचस्प है.
रात के वक्त गूंजी आवाज- लड़का हुआ है
शिमला समझौते के लिए पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो अपनी बेटी बेनजीर के साथ शिमला आए थे. इसी बीच रात 12 बजकर 40 मिनट पर बानर्स कोर्ट इमारत में कूट शब्द गूंजे- लड़का हो गया लड़का. दरअसल, जब दोनों देशों के प्रतिनिधि असमंजस में थे, तो तय किया गया कि समझौत होने पर यही शब्द बोले जाएंगे.
साल 1972 में बेनजीर भुट्टो जब शिमला आई थीं, तब उन्हें देखने के लिए शिमला में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती थी. कई विदेशी अखबारों के पत्रकार भी बेनजीर भुट्टो को कवर करने के लिए शिमला पहुंचे थे. उनके शिमला आने से पहले ही इंदिरा गांधी शिमला पहुंच चुकी थीं. पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो का हेलीकॉप्टर कई घंटे तक भारी बारिश के कारण शिमला में लैंड नहीं कर सका. इसकी वजह से इंदिरा गांधी को भी कई घंटो तक उनका इंतजार करना पड़ा.
पत्रकार से पेन लेकर हुए समझौते पर हस्ताक्षर
जिस टेबल पर समझौता हुआ, वो अभी भी राजभवन में है. वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश चंद लोहुमी समझौते के वक्त मौके पर ही मौजूद थे. प्रकाश चंद लोहुमी बताते हैं कि जिस टेबल पर समझौता हुआ, उस टेबल पर कपड़ा भी नहीं था. यहां तक कि समझौते पर हस्ताक्षर के लिए इंदिरा गांधी को पेन भी शिमला के एक मीडिया कर्मी ने ही दिया था.
शिमला का समझौता पहले पूरी तरह विफल हो चुका था. लेकिन तभी अचानक खबर आई कि बानर्स कोर्ट में कुछ हलचल है. इसके तुरंत बाद सभी पत्रकार बानर्स कोर्ट की तरफ दौड़े. समझौते पर हस्ताक्षर होने से पहले कई एक घंटा दोनों देशों के प्रधानमंत्री को दूरदर्शन की टीम का इंतजार करना पड़ा, क्योंकि वह भी वापस अपने घर लौट चुके थे. जब समझौता हुआ तो लड़का हुआ है लड़का, का स्वर गूंजने लगा.
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