Shimla: शिमला में ताश के पत्तों की तरह ढहे मकान, दो लोगों की मौत, CM की अपील- 'दरार पड़ने पर घर खाली कर दें'
Shimla Buildings Collapsed: हिमाचल प्रदेश के शिमला में मंगलवार को एकबार फिर भूस्खलन हुआ जिसके बाद कुछ मकान ढह गए है. हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया.
शिमला में कुदरत का कहर जारी है. इस बीच शिमला से दिल दहला देने वाला वीडियो सामने आया है. कृष्णानगर इलाके में पहाड़ी ढह गई. करीब पांच से सात मकान ढह गए. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि घटना में दो लोगों की मृत्यु हुई है. लगातार बारिश से राज्य में अब तक कुल 60 लोगों की मृत्यु हो चुकी है. कल शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे. मैं लोगों से अनुरोध करता हूं कि यदि कोई दरार आती है तो वे अपने घरों को खाली कर दें.
इससे पहले शिमला के एसपी संजीव गांधी ने कहा कि भारी बारिश की वजह से कुछ घर नीचे धंस गए हैं. कुछ लोगों के दबे होने की आशंका है. एंबुलेंस, एसडीआरफ, एनडीआरएफ, राज्य और ज़िला पुलिस की टीम मौके पर मौजूद हैं. हमने बचाव कार्य शुरू कर दिया है.
वहीं, हिमाचल प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अभिषेक त्रिवेदी ने कहा कि आईटीबीपी, एसडीआरएफ, जिला पुलिस और अन्य सभी टीमें मौके पर मौजूद हैं. बहुत सारा मलबा है, क्योंकि ऊपर से गिरा मलबा नगर निगम के क्लटर हाउस वाले पर जो पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है. हमें लोगों ने बताया कि क्षेत्र में पहले से ही दरारें पड़ गई हैं. लगभग 40-50 लोगों को निकाला गया था लेकिन हमें लगभग 5-10 लोगों के फंसे होने की आशंका है. बचाव अभियान जारी है.
समरहिल इलाके में घरों में आई दरार
बता दें कि समरहिल में रहने वाले लोगों के घरों में भी दरारे आ गई हैं. यहां जोशीमठ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. कई मकानों की नींव कच्ची हो गई है. ऐसे में लोग अपने घरों को छोड़कर कहीं और शिफ्ट हो गए हैं.
प्राकृतिक आपदा से अब तक 60 की मौत
वहीं, क्षतिग्रस्त शिव मंदिर से मंगलवार को दो और शव बरामद होने पर समर हिल और फागली में भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है. जबकि अब तक भूस्खलन, बादल फटने और भारी बारिश के कारण मकान ढहने जैसी घटनाओं में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 60 हो गई है. वहीं, शिमला के समरहिल और फागली में 10 से अधिक लोगों के अब भी मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है.
यूनिवर्सिटी में फिलहाल क्लास पर रोक
शिमला के उपायुक्त आदित्य नेगी ने बताया कि एनडीआरएफ, पुलिस, एसडीआरएफ और सेना ने सुबह करीब 6 बजे समरहिल में बचाव अभियान फिर से शुरू कर दिया है. सोमवार सुबह करीब सवा 7 बजे शिव मंदिर के पास भूस्खलन हुआ. यहां सावन महीने के कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे. हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी ने इस बीच अध्यापन गतिविधियों पर रोक लगा दी हैं. हालांकि शिक्षक और अन्य कर्मचारी ड्यूटी पर तैनात रहेंगे.
अब तक 7 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान
बता दें कि हिमाचल में यूनेस्को विश्व धरोहर शिमला-कालका रेलवे लाइन क्षतिग्रस्त हो गई है. वहीं, राज्य में अब तक 12 में से 11 जिलों में 857 सड़कों पर यातायात बाधित है. 4,285 ट्रांसफार्मर और 889 जल आपूर्ति योजनाएं बाधित हो गई हैं. राज्य आपात अभियान केंद्र ने जानकारी दी है कि 22 जून से 14 अगस्त तक मानसून की बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश को 7,171 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.