'संपत्ति पर कब्जा...', शिमला के कारोबारी को लॉरेंस बिश्नोई गैंग से मिली जान से मारने की धमकी
Lawrence Bishnoi Threat: शिमला के कारोबारी को गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर धमकी दी गई है. इस बारे में कारोबारी ने जिला शिमला पुलिस को शिकायत दी है.
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में कारोबारी को गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम पर धमकी मिली है. शिमला के रहने वाले कारोबारी में पुलिस को शिकायत दी है. कारोबारी ने पुलिस से सुरक्षा की भी मांग उठाई है. शिमला के कारोबारी गौरव कुकरेजा के मुताबिक, उसे लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम से जान से मारने की धमकी मिली है.
कारोबारी गौरव कुकरेजा के आरोप
दरअसल, कारोबारी गौरव कुकरेजा की संजौली में एक प्रॉपर्टी है. यहां हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में संपत्ति है. गौरव कुकरेजा के मुताबिक, हितेश और आशु नाम के दो लोग इस प्रॉपर्टी को अवैध रूप से कब्जाना चाहते हैं. ऐसे में वह उसे लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम पर धमकी दे रहे हैं. शिकायत में कारोबारी ने मांग उठाई है कि दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए. कारोबारी का कहना है कि उसे जान से मारने की भी धमकी दी जा रही है. इससे गौरव कुकरेजा काफी डरे हुए भी हैं.
शिमला पुलिस कर रही जांच
वहीं, मामले में एएसपी शिमला नवदीप सिंह ने कहा कि पुलिस को कारोबारी की शिकायत मिली है. मामले में जांच की जा रही है. फिलहाल लॉरेंस बिश्नोई से जुड़ा कोई तथ्य सामने नहीं आया है. उन्होंने कहा कि शिमला पुलिस मामले में उचित कार्रवाई अमल में लाएगी. बता दें कि कारोबारी गौरव कुकरेजा ने शिमला पुलिस को वहां नंबर भी दिए हैं, जिससे फोन कर उसे धमकी दी जा रही है.
कौन है गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई?
बता दें कि लॉरेंस बिश्नोई ने देश भर में अपराध और खौफ का एक ऐसा माहौल बना दिया है, जिसकी गूंज पंजाब से लेकर बॉलीवुड तक सुनाई दे रही है. बिश्नोई के नाम पर अब शिमला के लोगों को भी डराने की कोशिश की जा रही है. बिश्नोई लंबे वक्त से जेल में है. लॉरेंस बिश्नोई का नाम तीन बड़े हाई प्रोफाइल मर्डर केस से जुड़ा हुआ है. पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी भी बिश्नोई गैंग ने ही ली थी. खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में उसका नाम आया है. वहीं बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी भी बिश्नोई गैंग ने ली है. बता दें कि लॉरेंस बिश्नोई का असली नाम बलकरन बरार है. पहले उसका नाम सतविंदर सिंह रखा गया था, लेकिन बाद में उसका नाम बदल दिया गया था.
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