Himachal News: हिमाचल के शिमला (Shimla) के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) और अस्पताल में रोगी कल्याण समिति के कर्मचारियों ने पेन डाउन स्ट्राइक पर जाने की फैसला लिया है. अगर 13 फरवरी तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो वे 14 फरवरी से रोजाना सुबह 8 से 12 बजे तक पेन डाउन स्ट्राइक करेंगे. इसे लेकर गुरुवार को स्वास्थ्य सचिव के साथ बैठक हुई. इस बैठक में कर्मचारियों की मांगों पर विस्तृत चर्चा हुई है. मौजूदा समय में आरकेएस कर्मचारी काले बैज लगाकर काम कर रहे हैं. 


डाटा एंट्री ऑपरेटर नियमित पे स्केल की मांग कर रहे हैं. इन्हें अस्पताल में काले बैज लगाकर विरोध के साथ काम करते हुए 11 दिन का समय बीत गया है, लेकिन इनकी मांग अभी तक पूरी नहीं हो पाई है. इन कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें 11 दिन का समय बीत गया है, लेकिन अभी तक अस्पताल प्रशासन की तरफ से कोई जवाब नहीं मिल पाया है. हाल ही में आरकेएस कर्मियों और अस्पताल प्रशासन की एक बैठक भी हुई थी. यह बैठक करीब दो घंटे तक चली थी. इस बैठक में कर्मचारियों और प्रशासन के बीच गहमागहमी भी हो गई थी. 


विधायक हरीश जनारथा के समक्ष भी रखी मांगे
कर्मचारियों का कहना था कि उन्हें अपनी सेवाएं देते हुए कई साल हो चुके हैं, लेकिन अब तक उन्हें नियमित पे स्केल नहीं मिल पाया है. इसे लेकर मंजूरी काफी पहले मिल चुकी है. इस बैठक में डाटा एंट्री ऑपरेटर भी शामिल हुए थे. इसके बाद कर्मचारियों ने काले बैज लगाकर काम करना शुरु कर दिया. शुक्रवार को कर्मचारियों को 11 दिन का समय हो चुका है. बीते दिनों शिमला शहर विधायक हरीश जनारथा के समक्ष भी उन्होंने अपनी मांगें रखीं. उन्होंने एक हफ्ते का समय दिया था, लेकिन अब तक मांग पूरी नहीं हुई है.


IGMC में दो बार मिला पे स्केल
आईजीएमसी और दंत चिकित्सालय कर्मचारी महासंघ के प्रधान हरिंदर सिंह मेहता ने कहा कि आईजीएमसी अस्पताल में कर्मचारियों को दो बार रेगुलर पे स्केल मिल चुका है. अस्पताल में साल 2016 और साल 2019 में कर्मचारियों को पे स्केल दिया जा चुका है. कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें अपनी सेवाएं देते हुए काफी समय हो गया है. उन्हें साल 2022 में अप्रैल महीने से पे स्केल मिल जाना चाहिए था, लेकिन साल 2024 की शुरुआत हो चुकी है और अभी तक उन्हें रेगुलर पे स्केल नहीं मिल पाया है. 


स्थानीय विधायक इस विषय को लेकर शुरू से ही गंभीर हैं और उनसे पूरी उम्मीद है कि वह इन कर्मचारियों की जायज मांग को पूरा करेंगे. यह सभी कर्मचारी पिछले 20 सालों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में भी अपनी भरपूर सेवाएं दी है. मांगें पूरी न होने पर मजबूरन पेन डाउन स्ट्राइक करनी पड़ेगी.


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