Shimla Food Festival: शिमला में पारंपरिक भोजन और पोशाक का समावेश, रिज मैदान पर दिख रही पूरे हिमाचल की झलक
Shimla Food Festival: हिमाचल प्रदेश के शिमला में चल रहे इस फूड फेस्टिवल में लोगों की जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है. यहां दोपहर में लंच के समय भीड़ और भी ज्यादा बढ़ जाती है.
Shimla Food Festival: दिसंबर के महीने में हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की राजधानी शिमला का टूरिस्ट सीजन पीक पर है. पहाड़ों की रानी की खूबसूरत वादियों का दीदार करने पर्यटक यहां दूर-दूर से पहुंच रहे हैं. इस बीच शिमला के रिज मैदान (Ridge Ground) पर पारंपरिक भोजन और वेशभूषा का समावेश देखने के लिए मिल रहा है. यहां हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों के पारंपरिक भोजन परोसे जा रहे हैं. खास बात यह है कि पारंपरिक खाना बना रही स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं पारंपरिक परिधानों में भी नजर आ रही हैं.
यह न केवल पर्यटकों के लिए बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. दिन भर हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग जिलों के खाने का स्वाद चखने के लिए यहां भीड़ लग रही है. शिमला के रिज मैदान पर रूरल डेवलपमेंट आजीविका मिशन की ओर से यह खास आयोजन किया गया है. यहां विशेष तौर पर स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं पारंपरिक भोजन बना रही हैं. रूरल डेवलपमेंट आजीविका मिशन के अधिकारी अंकित ने बताया कि यहां बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और पर्यटक पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद चखने आ रहे हैं.
30 दिसंबर तक चलेगा फूड फेस्टिवल
उन्होंने बताया कि यह न केवल लोगों के लिए एक मंच पर अलग-अलग परंपराओं को जानने का मौका है, बल्कि इससे स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को भी लाभ मिल रहा है. उन्होंने बताया कि यह फूड फेस्टिवल 30 दिसंबर तक चलेगा. शिमला में चल रहे इस फूड फेस्टिवल में लोगों की जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है. यहां दोपहर में लंच के समय भीड़ और भी ज्यादा बढ़ जाती है.
फूड फेस्टिवल में क्या है खास?
इस फूड फेस्टिवल में मंडी की कचौरी, ऊपरी शिमला का सिड्डू, कांगड़ा का मदरा, चंबयाली धाम, सोलन का कद्दू-मालपुआ, खीर, मीठा कद्दू, मीठा बदाना, मक्की की रोटी-सरसों का साग, मक्की का पराठा, कुल्लू का कोदे का सिड्डू लोगों की पसंद बने हुए हैं. यहां सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माने जाने वाली बिच्छू की सब्जी और गुच्छी का सूप भी लोगों को खूब पसंद आ रहा है.
शाम के समय वाद्य यंत्रों पर नाटी का मजा
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में इन दिनों पूरा हिमाचल चलकर यहां आ गया है. शाम के समय यहां पहाड़ी वाद्य यंत्रों पर नाटी लगाई जाती है. पहाड़ी वाद्य यंत्रों की मधुर थाप पर कलाकारों के साथ आम लोग भी जमकर नाटी डाल रहे हैं. स्थानीय लोगों के लिए जहां शिमला में ही अपने घर का एहसास हो रहा है. वहीं पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.
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