गेयटी थिएटर में 'शिमला कलम' के दीवाने हुए लोग, हल्दी के साथ कुमकुम की मदद से बनी हैं पेंटिंग
Himchal News: शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में खास चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है. यह प्रदर्शनी 31 जनवरी तक आम जनता के लिए खुली रहेगी.
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Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के साथ पारंपरिक लघु चित्रकला को बढ़ावा देने के लिए शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में खास चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है. यह प्रदर्शनी 31 जनवरी तक आम जनता के लिए खुली रहेगी.
इस प्रदर्शनी की खासियत यह है कि इसमें सभी पेंटिंग प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल कर बनाई गई हैं. इसमें हल्दी, नील, कुमकुम और सुरमा जैसे पारंपरिक रंग शामिल हैं. इस प्रदर्शनी का आयोजन मंडी के वल्लभ कॉलेज के प्रोफेसर मुजीब हुसैन ने किया है. इसमें उनकी खुद की बनाई लघु कलाकृतियां भी शामिल हैं.
पेंटिंग में नज़र आ रही शिमला की खूबसूरती
इस प्रदर्शनी में शिमला की खूबसूरती और ऐतिहासिक महत्व को दर्शाया गया है. पेंटिंग में रिज और क्राइस्ट चर्च जैसे स्थलों को विभिन्न कलात्मक शैलियों में दिखाया गया है. डॉ. मुजीब हुसैन का मानना है कि जिस तरह कांगड़ा और चंबा की लघु कला शैलियां दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं, उसी तरह उन्हें उम्मीद है कि इस प्रदर्शनी के जरिए शिमला की लघु कला शैली भी प्रसिद्ध होगी. इसी वजह से इस प्रदर्शनी का नाम "शिमला कलम" रखा गया है.
प्रदर्शनी में प्रदर्शित हर पेंटिंग को क्यूआर कोड स्कैन कर डिजिटल रूप से भी देखा जा सकता है.
लोगों को खूब पसंद आ रही पेंटिंग
कलाप्रेमी, पर्यटक और शोधकर्ता इस अनूठी प्रदर्शनी का भरपूर आनंद उठा रहे हैं. इस तरह की पेंटिंग के ज़रिए शिमला की ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित करना न केवल अतीत को जीवित रखने का प्रयास है, बल्कि डिजिटल युग में धीरे-धीरे लुप्त हो रही पारंपरिक लघु कला को नई पहचान देने की पहल भी है.
इस आयोजन का मुख्य लक्ष्य हिमाचल प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना और इसे भावी पीढ़ियों तक पहुंचाना है. आयोजक मुजीब हुसैन को उम्मीद है कि इस तरह की प्रदर्शनियां युवा कलाकारों को प्रेरित करेंगी और उन्हें लघु चित्रकला की समृद्ध परंपरा को आगे बढ़ाने में रुचि लेने के लिए प्रोत्साहित करेंगी.
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