Green Tax In Shimla: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में आने वाले बाहरी राज्यों की गाड़ियों को अब ग्रीन टैक्स (Green Tax) चुकाना होगा. नगर निगम शिमला (Municipal Corporation Shimla) इसे लेकर प्रस्ताव तैयार कर चुकी है. आगामी बजट (Upcoming Budget) में यह प्रस्ताव पेश किया जाएगा. अगर यह प्रस्ताव पास होता है तो हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में आने वाले बाहरी राज्यों की गाड़ी को ग्रीन टैक्स चुका कर ही शहर में प्रवेश मिलेगा.


इसी हफ्ते नगर निगम शिमला का वार्षिक बजट (Annual Budget) पेश किया जाना है. इसमें बाहरी राज्यों की गाड़ियों पर ग्रीन टैक्स लगाने की तैयारी पूरी हो चुकी है. इससे पहले भी साल 2016 में शिमला आने के लिए ग्रीन टैक्स चुकाना पड़ता था. हालांकि उस वक्त ट्रैफिक जाम की समस्या की वजह से इस व्यवस्था को बंद कर दिया गया था.


ग्रीन टैक्स के लिए होगी फास्टैग की व्यवस्था


मौजूदा वक्त में पर्यटन नगरी मनाली आने के लिए ग्रीन टैक्स या फीस चुकाना होता है. यहां फास्टैग से पैसे कट जाते हैं. ऐसे में अगर शिमला में ग्रीन टैक्स शुरू होता है, तो इसके लिए भी फास्टैग की व्यवस्था की जाएगी. इससे जाम की समस्या खत्म होगी. इससे पहले साल 2019 और साल 2020 में भी ग्रीन टैक्स लगाने की बात कही गई, लेकिन मंजूरी न मिलने की वजह से ही टैक्स नहीं लगाया जा सका.


ग्रीन टैक्स से सालाना 12 करोड़ की कमाई


नगर निगम शिमला को ग्रीन टैक्स से हर साल औसतन 12 करोड़ रुपए की कमाई होगी. इस पैसे का इस्तेमाल शिमला के सौंदर्यीकरण और विकास के लिए किया जा सकेगा. नगर निगम के बजट में ग्रीन टैक्स को मंजूरी मिलती है, तो अप्रैल महीने से टैक्स शुरू किया जा सकता है. गौरतलब है कि नगर निगम शिमला के प्रस्ताव में बस और ट्रक के लिए 300 रुपए और छोटी गाड़ी के लिए 200 रुपए ग्रीन टैक्स तय किया गया है.


इसके अलावा बाहरी राज्यों से आने वाले टू व्हीलर को 50 रुपए ग्रीन टैक्स चुकाना होगा. इन पैसों का इस्तेमाल में हरियाली बढ़ाने और विकास ने कामों पर खर्च होगा. ग्रीन टैक्स से नगर निगम शिमला की सालाना आय में बढ़ोतरी होगी.


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