Shimla Mosque Latest Update: हिंदू संघर्ष समिति हिमाचल के कार्यकर्ता अब संजौली में मस्जिद में हुए अवैध निर्माण के खिलाफ 11 सितंबर को जुटेंगे. इसके लिए 11 सितंबर को सुबह 11 बजे संजौली में एकत्रित होने के लिए आह्वान किया गया है. हिंदू संगठन इस अस्तित्व और धर्म की लड़ाई बता रहे हैं. सोशल मीडिया पर इसे लेकर तेजी से मैसेज वायरल किया जा रहा है. यहां राज्य भर से लोगों को जुड़ने के लिए कहा गया है.
नगर निगम आयुक्त ने की मामले की सुनवाई
शनिवार को नगर निगम शिमला आयुक्त की अदालत में इस मामले में सुनवाई हुई. इस मामले में नगर निगम शिमला के वकील, वक्फ बोर्ड के वकील और स्थानीय लोगों के वकील पेश हुए. मामले में अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को होनी है. हिंदू जागरण मंच हिमाचल प्रांत के पूर्व अध्यक्ष कमल गौतम ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा कि जिस तरह के निर्णय की अपेक्षा थी, उसी तरह का निर्णय आया है. यह सिर्फ मामले को टालने की बात है. इसमें तारीख पर तारीख ही दी जाएगी. सभी हिंदू निर्णायक लड़ाई के लिए तैयार रहें.
कमिश्नर कोर्ट में सुनवाई के दौरान क्या हुआ?
इस सुनवाई के दौरान शिमला की संजौली में बनी मस्जिद की ढाई मंजिल कौन बना गया है, यह न तो वक्फ बोर्ड बता पाया और न ही इसके निर्माण के लिए बनाई गई कमेटी. मस्जिद निर्माण के लिए वक्फ बोर्ड की ओर से बनाई कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने कहा कि उन्होंने सिर्फ ढाई मंजिल ही बनाई है.
इसके अलावा बनाई गई ढाई मंजिल किसने बनाई, इसके बारे में वक्फ बोर्ड कोई जवाब नहीं दे सका. इसके बाद उनसे फंडिंग को लेकर सवाल किया गया. उन्होंने कहा कि इसके लिए कुछ फंडिंग आढ़तियों ने की है. उन्हें फंडिंग कैश में आई या चेक में, इसके बारे में जब सवाल पूछा गया तो पेश हुए वकील इसका जवाब भी नहीं दे सके. उन्होंने कहा कि वह इस बारे में अगली पेशी में जवाब देंगे.
लिखित जवाब देने के आदेश
नगर निगम शिमला के आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने कहा कि मोहम्मद लतीफ अगली पेशी में लिखित में अपना पूरा जवाब दायर करें. वक्फ बोर्ड की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि वह इसका तब जवाब देंगे, जब उन्हें जेई की ओर से स्टेटस रिपोर्ट से दी जाएगी. आयुक्त ने कनिष्ठ अभियंता यानी जूनियर इंजीनियर को इस मामले की स्टेटस रिपोर्ट वक्फ ऑफ बोर्ड को देने के लिए कहा, ताकि वह जल्द से जल्द इसका जवाब दे सके. इस मामले में अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को होगी.
स्थानीय लोगों ने भी पार्टी बनने की मांग की
यही नहीं, मामले में सुनवाई के दौरान स्थानीय लोगों ने नियम 1/10 के तहत पार्टी बनने के लिए आवेदन किया. स्थानीय लोगों का कहना था कि वह भी इसकी वजह से परेशान हो रहे हैं. ऐसे में उन्हें भी पार्टी बनाया जाना चाहिए. स्थानीय लोगों का यह भी कहना था कि मस्जिद बनने की वजह से उन्हें काफी परेशानी हो रही है. इसमें उन्हें पार्टी बनाकर उनकी बात को भी सुना जाए.