Himachal Chadwick House Shimla: हिमाचल प्रदेश का शिमला शहर ऐतिहासिक इमारत का शहर है. यहां हर कदम पर इतिहास नजर आता है. शिमला के समरहिल इलाके में भी एक ऐसा ही इतिहास है. यहां सालों पुराना चैडविक हाउस है, जिससे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का भी गहन संबंध रहा है. आजादी से पहले महात्मा गांधी यहां ब्रिटिश हुक्मरानों के साथ कई अहम बैठकों में हिस्सा ले चुके हैं.

 

आजादी से पहले चैडविक हाउस को चैडविक बंगलो के नाम से जाना जाता था. स्वतंत्रता के बाद इस भवन को भारतीय लेखा और लेख परीक्षा सेवा के प्रशिक्षण विद्यालय के रूप में परिवर्तित किया गया. हालांकि, बाद में इसके स्थानांतरित होने की वजह से भवन जर्जर हालत में आ गया था. अब पुनर्निर्माण का काम पूरा हो चुका है. इसमें करीब 15 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.

 

चैडविक हाउस से महात्मा गांधी का विशेष नाता

शिमला के चैडविक हाउस का इतिहास बेहद पुराना है. यहां दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जब जापानी सेना ने बर्मा पर कब्जा कर लिया था. तब यह इमारत बर्मा के गवर्नर का निवास स्थान हुआ करती थी. इसके अलावा भी यह इमारत कई ऐतिहासिक घटनाओं की साक्षी रही है. चैडविक हाउस से थोड़ी ही दूर राजकुमारी अमृत कौर का निवास स्थान भी है. यहां भी आजादी से पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी आकर ठहरते थे.

 

पुनर्निर्माण के बाद आम जनता के लिए खुला चैडविक हाउस

पुनर्निर्माण के बाद चैडविक हाउस की ऐतिहासिक इमारत दो मंजिला बनी है. इसमें ग्राउंड फ्लोर पर पांच गैलरी बनी है. पहले गैलरी में ओरिएंटेशन है. इसमें भवन निर्माण से संबंधित जानकारी शामिल की गई है. वहीं दूसरी मंजिल में चैडविक बंगलो की कहानी है. इसमें 3D के माध्यम से इमारत का इतिहास बताया गया है. इसी के साथ तीसरी गैलरी में लेखा के इतिहास से संबंधित किताबें रखी गई है. इसमें चाणक्य और आधुनिक लेख के जनक लुका पांचीओलि की प्रतिमा स्थापित की गई है.

 

चौथी गैलरी में उपनिवेश काल में कैग के गठन के बारे में जानकारी मिलती है. वहीं, पांचवी गैलरी में संसद में कैग पर हुई बहस का विवरण भी दिया गया है. इस ऐतिहासिक इमारत के पुनर्निर्माण में खास तरह के पत्थर का इस्तेमाल किया गया है. पुनर्निर्माण के बाद इसे आम जनता के लिए खोल दिया गया है और स्थानीय लोगों के साथ पर्यटकों के लिए नया आकर्षण का केंद्र है.