Dangerous Trees in Shimla: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला (Shimla) में सूखे पेड़ों का खतरा मकान मालिकों को आए दिन सताता रहता है. मौजूदा वक्त में हिमाचल प्रदेश सरकार ही पेड़ काटने की अनुमति देती है. नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान और उप महापौर उमा कौशल ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) से मुलाकात कर सूखे पेड़ों को काटने का अधिकार नगर निगम को देने की मांग की है.
शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात कर पेड़ों को काटने की अनुमति नगर निगम शिमला को देने का आग्रह किया है. मौजूदा वक्त में पेड़ काटने की परमिशन लेने की प्रक्रिया बहुत लंबी है. हालांकि, ट्री कमेटी के अध्यक्ष का जिम्मा मेयर के पास ही होता है, लेकिन रिपोर्ट बनाकर सरकार को ही भेजनी पड़ती है. इस प्रक्रिया में काफी लंबा समय लग जाता है. इस बीच भवन मालिकों को लगातार सूखे पेड़ घरों पर टूटने का खतरा मंडराता रहता है. इसके अलावा शिमला के जंगलों में टूटे पड़े सूखे पेड़ों की लकड़ी भी बर्बाद हो रही है.
CM सुक्खू से मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया
नगर निगम शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि नगर निगम शिमला कोई अधिकार दे दिया जाए. उन्होंने कहा कि सूखे पेड़ की लकड़ी बेचने से सरकार की आय में भी बढ़ोतरी होगी. इसके अलावा इससे नगर निगम शिमला भी आय कर सकेगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से इस बाबत सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है. उन्हें उम्मीद है कि जल्द सरकार इस बारे में कोई फैसला ले सकती है. इसके अलावा मेयर सुरेंद्र चौहान ने डिप्टी मेयर उमा कौशल का कमरा भी टाउन हॉल में ही शिफ्ट करने की भी मांग उठाई है.
एक्टिव मोड में नए मेयर-डिप्टी मेयर
नगर निगम शिमला चुनाव के बाद कांग्रेस ने 11 साल बाद सत्ता में वापसी की है. केंद्रीय आलाकमान की मंजूरी के बाद मेयर की जिम्मेदारी सुरेंद्र चौहान और डिप्टी मेयर की जिम्मेदारी उमा कौशल को मिली है. नए मेयर और डिप्टी मेयर लगातार एक्टिव मोड में नजर आ रहे हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मेयर और डिप्टी मेयर को लगातार एक्टिव मोड में रहकर काम करने के निर्देश दिए हैं.