Himachal Pradesh Farmers on India Budget 2024: हिमाचल प्रदेश के किसानों ने बजट को निराशाजनक बताया है. सेब के आयात पर 100 प्रतिशत शुल्क और कृषि आदानों (इनपुट) को जीएसटी छूट की प्रमुख मांगों को केंद्रीय बजट में पूरा नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार 3.0 के बजट ने मायूस किया है. बजट में सेब उत्पादकों के लिए राहत का ऐलान नहीं किया गया है. 


फल सब्जी फूल उत्पादक संघ के अध्यक्ष हरीश चौहान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के किसानों की उम्मीदें धराशायी हो गई हैं. सस्ते सेब के आयात को रोकने के लिए सेब पर 100 प्रतिशत आयात शुल्क की मांग की गयी थी. उनकी मुख्य मांग को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट में हल नहीं किया है. उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘हम कृषि इनपुट और उपकरणों पर जीएसटी में छूट की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने इस संबंध में कुछ नहीं किया है.’’


हिमाचल प्रदेश के किसान बजट से नहीं हैं खुश


बता दें कि सेब की खेती मुख्य रूप से शिमला, मंडी, कुल्लू और किन्नौर जिलों और चंबा, सिरमौर, लाहौल और स्पीति, कांगड़ा और सोलन जिलों में की जाती है. सेब की खेती का विस्तार 21 विधानसभा के 1,15,680 हेक्टेयर क्षेत्र में है. 


सेब पर 100 प्रतिशत आयात शुल्क की थी मांग


सरकारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य में सेब की अर्थव्यवस्था 5,000 करोड़ रुपये की आंकी गई है. वर्तमान में सेब पर आयात शुल्क 50 प्रतिशत है. करीब तीन लाख से अधिक परिवारों का सीधा संबंध सेब उत्पादन से है. 


चौहान ने कहा, ‘‘हालांकि, सब्जी उत्पादकों के लिए क्लस्टर में विपणन और कोल्ड चेन के लिए घोषित योजना का स्वागत है, लेकिन राज्य के किसानों के लिए इस योजना का लाभ उठाना मुश्किल होगा क्योंकि हिमाचल प्रदेश में भूमि जोत छोटी है और क्लस्टर बनाना मुश्किल है.’’


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