Mahatma Gandhi in Shimla: विश्व भर में पहाड़ों की रानी के नाम से मशहूर शिमला अपने इतिहास के लिए भी जाना जाता है. यहां हर इमारत अपने आप में इतिहास समेटे खड़ी हुई है. साल 1864 में ब्रिटिश शासनकाल के दौरान ग्रीष्मकालीन राजधानी बना शिमला कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह है. आजादी से पहले और आजादी के बाद भी शिमला की महत्ता बरकरार है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का भी शिमला से गहरा नाता रहा. वे आजादी से पहले 10 बार शिमला आए.


रिटायर्ड आईएएस अधिकारी और इतिहासकार श्रीनिवास जोशी बताते हैं कि राष्ट्रपिता ने जब शिमला में भारतीयों को मानव रिक्शा चलाते देखा, तो उन्हें बहुत पीड़ा हुई थी. वे इस तरह मानव रिक्शा इस्तेमाल करने के पक्षधर नहीं थे और भारी मन से ही उन्होंने यहां मानव रिक्शा का इस्तेमाल आवाजाही के लिए किया. एक और दिलचस्प बात यह है कि आजादी मिलने के बाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का कभी शिमला आना नहीं हुआ और 30 जनवरी 1948 को 78 साल की उम्र में उनकी हत्या हो गई.


राष्ट्रपिता का शिमला के साथ था गहरा नाता
शिमला प्रवास के दौरान महात्मा गांधी मैनर विला में ठहरते थे. यह राजकुमारी अमृत कौर की संपत्ति रही है. साल 1935 में महात्मा गांधी राजकुमारी अमृत कौर के संपर्क में आए. इसके बाद से मैनर विला महात्मा गांधी का नियमित ठहराव स्थल बन गया था. साल 1921 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पहली बार शिमला आए, तो वे बालूगंज के शांति कुटीर में रुके. इसके अलावा महात्मा गांधी क्लीवलैंड और चैडविक बिल्डिंग में भी रुके. अपनी ज्यादातर यात्राओं के दौरान महात्मा गांधी समरहिल स्थित मैनर विला में ही रुका करते थे.


कब-कब शिमला आये महात्मा गांधी?


• 12 से 17 मई 1921- वायसराय लॉर्ड रीडिंग से खिलाफत आंदोलन, पंजाब में अशांति, सविनय अवज्ञा और स्वराज पर चर्चा की. आर्य समाज मंदिर लोअर बाजार में महिला सम्मेलन में गए. ईदगाह में जनसभा की.


• 13 से 17 मई 1931- गांधी-इरविन समझौते से उत्पन्न समस्याओं पर वायसराय लॉर्ड विलिंगडन, गृह सचिव एच. डब्ल्यू एमर्सन आदि से चर्चा.


• 15 से 22 जुलाई 1931- वायसराय लॉर्ड विलिंगडन से लंदन में प्रस्तावित गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने पर चर्चा.


• 25 से 27 अगस्त 1931- वायसराय लॉर्ड विलिंगडन से भेंट, दूसरा समझौते पर हस्ताक्षर.


• 4 से 5 सितंबर 1939- अंग्रेजी हुकूमत की ओर से दूसरे विश्वयुद्ध में हिंदुस्तान को शामिल करने पर वायसराय लिनलिथगो से बातचीत.


• 26 से 27 सितंबर 1939- वायसराय लिनलिथगो के निमंत्रण पर द्वितीय विश्वयुद्ध से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा.


• 29 से 30 जून 1940- वायसराय लिनलिथगो के निमंत्रण पर द्वितीय विश्वयुद्ध से उत्पन्न स्थिति पर फिर चर्चा.


• 27 से 30 सितंबर 1940- वायसराय लिनलिथगो के निमंत्रण पर द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद भारत की आजादी पर मंत्रणा.


• 24 जून से 16 जुलाई 1945- वायसराय लॉर्ड वेवल की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक शिमला कॉन्फ्रेंस में वायसराय के आग्रह पर गांधी की बतौर सलाहकार शिरकत.


• 2 मई से 14 मई 1946- कैबिनेट मिशन के आमंत्रण पर शिमला आगमन.


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