शिमला: अंग्रेजों के जमाने के कब्रिस्तान का होगा विकास, नगर निगम ने मांगे सुझाव, जानें क्या है तैयारी
Kanlog Cemetery: शिमला में 200 साल पुराना कब्रिस्तान अब बदला-बदला नजर आएगा. नगर निगम ने विकसित करने के लिए लोगों से सुझाव आमंत्रित किए हैं. कोर्ट का फैसला नगर निगम के पक्ष में आया है.
Himachal Pradesh News: शिमला के 200 साल पुराने कनलोग कब्रिस्तान का कायाकल्प होगा. कनलोग वॉर्ड के तहत आने वाली ऐतिहासिक संपत्ति 30 बीघा में फैली हुई है. ब्रिटिश शासनकाल के दौरान कब्रिस्तान में अंग्रेजों का शव दफन होता था. कनलोग कब्रिस्तान के आसपास का नजारा और वातावरण बहुत खूबसूरत है. शिमला शहर के बीचोबीच कब्रिस्तान आकर्षण का केंद्र बनने वाली है.
नगर निगम शिमला की ओर से कब्रिस्तान की साफ-सफाई का काम शुरू किया जा चुका है. आने वाले वक्त में वेस्ट टू वंडर पार्क बनाने की योजना है. नगर निगम शिमला ने आम लोगों से भी सुझाव लेने वाला है. कायाकल्प होने के बाद कब्रिस्तान नए रूप में नजर आएगी. गुरुवार से कब्रिस्तान में साफ-सफाई का काम चल रहा है.
आम लोगों के साथ सफाई करने पहुंचे मेयर
मेयर सुरेंद्र चौहान ने बताया कि ऐतिहासिक कब्रिस्तान नए रूप में नजर आएगी. उन्होंने आम लोगों के साथ साफ सफाई में हिस्सा लिया. संपत्ति विवाद का मामला कोर्ट में चल रहा था. अब फैसला नगर निगम शिमला के पक्ष में आया है. इसलिए सफाई का काम तेजी से किया जा रहा है. सफाई के लिए शिमला नगर निगम टेंडर करने वाला है. 30 बीघा में फैली संपत्ति के रखरखाव पर फोकस होगा.
नगर निगम शिमला ने लोगों से मांगे सुझाव
कब्रिस्तान को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की योजना है. कब्रिस्तान में मेडिटेशन सेंटर के साथ साइकिल ट्रैक भी बनाया जाएगा. मेयर सुरेंद्र चौहान ने संपत्ति को विकसित करने में लोगों से सुझाव आमंत्रित किए हैं. उन्होंने छात्र जीवन को याद करते हुए कहा कि स्कूल की छुट्टियों में कब्रिस्तान आते थे. कब्रिस्तान का माहौल बेहद शांत है. साफ-सफाई के बाद सौंदर्यीकरण किया जाएगा. उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में कनलोग कब्रिस्तान नगर निगम के लिए धरोहर साबित होगा.
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