Himachal Pradesh Disaster: हिमाचल प्रदेश के लिए इस साल का मानसून भी राहत की जगह आफत लेकरआया है. साल 2023 की तरह इस साल भी हिमाचल प्रदेश में बारिश ने तबाही मचाई है. बारिश की वजह से अलग-अलग स्थान पर तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है. राज्य में हो रही बारिश की वजह से राज्य में सरकारी संपत्ति के साथ निजी संपत्ति को भी भारी नुकसान हुआ है. बात अगर जल शक्ति विभाग की करें, तो अब तक विभाग को 196 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है.


आपदा ने मिटा दिया परियोजना का नामोनिशान


बादल फटने से बागीपुल, मतियाना, कुमारसैन, सैंज और कुर्पन खड्ड में जल शक्ति विभाग की पेयजल योजनाओं को भारी नुकसान हुआ है. उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मौके पर पहुंचकर घटना स्थल का जायजा लिया. जिला शिमला की कुर्पन खड्ड परियोजना पर 315 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं और योजना का निर्माण कार्य अंतिम दौर में चल रहा था.




 


बादल फटने से आई बाढ़ ने इस योजना के पंप हाउस, मशीनरी और टैंकों का नामोनिशान मिटा दिया है. इसके साथ ही बाढ़ आने की वजह से बागीपुल में भी जल शक्ति विभाग को 10 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.


आला अधिकारियों को दिए गए दिशा-निर्देश 


उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इस योजना को दोबारा स्थापित करने के लिए विभाग के आला अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं. शिमला के मतियाना क्षेत्र की कुर्पन खड्ड पेय जल योजना के बूस्टर, इंटेक स्ट्रक्चर, फीडल लाइन संपवेल, पम्प हाउस, पंपिंग मशीनरी और पाइपों के टूटने और बह जाने से जल शक्ति विभाग को 10 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. रायपुर में भी जल शक्ति विभाग को 7 करोड़ 50 लाख रुपये 19 पेय जल योजनाओं और एक सीवरेज की लाइन को भी नुकसान हुआ है. 


अगले आदेश तक छुट्टियां रद्द


उप मुख्यमंत्री ने कहा कि 19 पेयजल योजनाओं में से चार पेयजल योजना निर्माणाधीन थी. उन्होंने कहा कि अब तक 10 पेयजल योजनाओं को दोबारा शुरू कर दिया गया है. अन्य पांच योजनाओं को आज शाम तक शुरू करने के प्रयास किए जा रहे है. मरीज और उनके तीमारदारों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रामपुर अस्पताल में पानी की सप्लाई को पिछले कल ही बहाल कर दिया गया था. जल शक्ति विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां अगले आदेशों तक रद्द की गई हैं.