Shimla Landslide: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की राजधानी शिमला (Shimla) के कृष्णनगर इलाके में 15 अगस्त को हुए भूस्खलन (Landslide) ने हर किसी को डरा देने वाली यादें दी हैं. यहां भूस्खलन की वजह से कई इमारतें ताश की पत्तों की तरह ढेर हो गई और लोगों ने जिस आशियाने पर जिंदगी भर की पूंजी लगाई थी, वह पल भर में धराशाई हो गए. भूस्खलन वाली जगह के आसपास जिन लोगों के घर हैं, वह अभी असुरक्षित है. 


इन असुरक्षित घरों में भी लोग नहीं रह पा रहे हैं. शिमला के कृष्ण नगर के अंबेडकर भवन में अपना घर गंवाने वाले और असुरक्षित घरों के मालिक टेंपरेरी शेल्टर होम में रह रहे हैं. हालांकि यहां सरकार प्रशासन के स्तर पर खाने-पीने की सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं, लेकिन प्रभावितों को अभी उसे राहत का इंतजार है, जिसके लिए उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ेगा.


प्रभावितों को सरकार से घर मिलने की आस
कृष्णानगर इलाके के सभी प्रभावित चाहते हैं कि सरकार अपने स्तर पर प्रभावित लोगों को मकान उपलब्ध करवा दे, ताकि इनका जीवन भी पहले की तरह ही आगे बढ़ सके. इन दिनों कृष्णानगर के अंबेडकर भवन में रह रहे लोगों को यहीं से अपने काम पर जाना पड़ रहा है. इसके अलावा स्कूली बच्चों की पढ़ाई पर भी इसका सीधा असर पड़ रहा है. कृष्णा नगर के इस टेंपरेरी शेल्टर में नहाने की भी उचित व्यवस्था नहीं है और यहां लोगों को भीड़ ज्यादा होने की वजह से बीमारी का खतरा भी सता रहा है. ऐसे में सभी प्रभावितों की मांग है कि सरकार इन्हें घर उपलब्ध करवा दे.


क्या कर रही है सरकार?
 स्थानीय पार्षद बिट्टू कुमार और मनोनीत पार्षद विनोद भाटिया ने मेयर सुरेंद्र चौहान से भी मुलाकात की है. मेयर सुरेंद्र चौहान का कहना है कि वह इस मामले को प्रदेश सरकार के स्तर पर उठा रहे हैं और इन्हें घर उपलब्ध करवाने की हर संभव कोशिश की जा रही है.


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