Himachal Pradesh Landslide News: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में भूस्खलन (Landslide) से पीड़ित लोग इसे आपदा को एक बुरा सपना करार दे रहे हैं. भूस्खलन से प्रभावित लोगों में से एक प्रोमिला ने बताया कि, 'इस बुरे वक्त से गुजरने से बेहतर मौत होगी क्योंकि जीवन में उम्मीद की कोई किरण नजर नहीं आ रही है.' प्रोमिला यहां भूस्खलन का शिकार हुई एक इमारत में रहती थीं, जहां उनका एक कमरा ढह जाने से उन्होंने अपना सब कुछ खो दिया.


बीते बुधवार (23 अगस्त) की सुबह हुए भूस्खलन से एक इमारत आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गई, जिसमें प्रोमिला अपनी बीमार मां के साथ रहती थीं. यह इमारत इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज अस्पताल (आईजीएमसीएच) के नजदीक है. शुक्रवार (25 अगस्त) को मीडिया से अपना दर्द बयां करते हुए उन्होंने कहा, 'मैं अपनी 75 वर्षीय मां के साथ रहती हूं जो कैंसर से पीड़ित हैं और 2016 से उनका इलाज जारी है. मैं राम नगर के बाजार में एक दुकान में नौकरी करती थी, जहां पिछले सप्ताह मुझे हटा दिया गया क्योंकि मंदी के कारण ग्राहक नहीं थे.'


मां के इलाज के लिए पैसे की बहुत जरूरत- भूस्खलन पीड़िता


प्रोमिला कहती हैं, 'मैं गुरुवार (24 अगस्त) की रात आईजीएमसीएच में सोई क्योंकि मेरे पास जाने के लिए कोई जगह नहीं थी.' प्रोमिला के भाई-बहन या पिता नहीं हैं और वह अपने पति से भी अलग हो चुकी हैं. उन्होंने कहा, 'मैं नौकरी की तलाश में हूं और यहां तक कि मैं साफ-सफाई और झाड़ू-पोछा भी करने को तैयार हूं, क्योंकि मुझे अपनी मां के इलाज के लिए पैसे की बहुत जरूरत है.' प्रोमिला ने 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की है. एक अन्य भूस्खलन पीड़ित सुमन, जिसका कमरा प्रोमिला के कमरे के बगल में था, ने कहा, 'हम अपना सामान नहीं बचा सके और केवल वही कपड़े बचे हैं जो हमने ढहे हुए घर से बाहर निकलते समय पहने थे.'


भूस्खलन पीड़ित महिला ने बयां किया दर्द


घरेलू सहायिका के रूप में काम करने वाली सुमन का कहना है कि, 'उन्होंने भूस्खलन में अपना सब कुछ खो दिया है और उनके पास अपने बेटे की स्कूल फीस देने के लिए भी पैसे नहीं हैं.' उन्होंने कहा, 'हमारी स्थिति दयनीय है लेकिन अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया क्योंकि इस भूस्खलन में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं थी. अगर राज्य सरकार आपदा पीड़ितों की मदद नहीं कर सकती तो इतना सारा दान लेने का क्या फायदा.' सुमन ने कहा, 'हमने गुरुद्वारे में खाना खाया और अपने रिश्तेदारों के घरों में रह रहे हैं, लेकिन हमें कोई मदद या राहत नहीं मिली है.'


इस मानसून हिमाचल में 238 लोगों की मौत


शिमला में पिछले हफ्तों में कई भूस्खलन हुए हैं और पिछले 10 दिनों में जिले में बारिश से संबंधित घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है. इस महीने राज्य में बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम 120 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 24 जून को हिमाचल प्रदेश में मानसून की शुरुआत के बाद से कुल 238 लोगों की मौत हो गई और 40 लोग अभी भी लापता हैं.


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