Himachal Masjid Issue: हिमाचल प्रदेश के शिमला (Shimla) और मंडी (Mandi) के इलाके में पिछले दिनों मस्जिद को लेकर प्रदर्शन हुआ और हटाने की मांग की गई. ऐसे में सवाल उठा कि क्या हिमाचल प्रदेश में इससे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण पैदा हो रहा है और यह कितना चिंताजनक है? मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसे पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि एक राज्य जहां हिंदुओं की आबादी 97 प्रतिशत है, वहां सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कैसे हो सकता है?
हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में सुखविंदर सुक्खू ने कहा, ''बीजेपी ने हरियाणा चुनाव से पहले सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की. प्रदर्शन में चार से ज्यादा लोगों को हिस्सा नहीं लिया, लेकिन सोशल मीडिया और टीवी चैनल ने बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया, यह दावा किया गया कि 40 हजार लोग मौजूद थे.''
मुसलमानों ने खुद अवैध निर्माण हटाने की पेशकश की- सुक्खू
सीएम ने आगे कहा, "मामले के सकारात्मक पक्ष को देखना चाहिए. मुसलमानों ने खुद अवैध निर्माण को हटाने की पेशकश की. देश में ऐसा कोई और उदाहरण नहीं है. हिमाचल में मुस्लिम सौहार्दपूर्ण तरीके से रह रहे हैं. मेरी सरकार किसी को सामाजिक संरचना बिगाड़ने नहीं देगी.''
वेंडर्स के वेरिफिकेशन पर क्या बोले सीएम सुक्खू?
शिमला में बाहरी लोगों के वेरिफिकेशन के लिए हिमाचल सरकार मान गई है. ऐसे में क्या बाहर के लोगों के खिलाफ कोई भावना उभर रही है? इस सवाल पर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, ''शिमला के एक हिस्से में सड़कों पर भीड़भाड़ है, क्योंकि वेंडर्स बढ़ गए हैं. हमारा वेरिफिकेशन किसी को सांप्रदायिक पहचान नहीं दे रहा है, बल्कि इसका उद्देश्य एक विनियमित वेंडर जोन बनाना है. देश के किसी भी हिस्से से आए लोग यहां बिजनस कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि हिमाचल में प्रवासियों का कोई विरोध नहीं है. यहां बाहरी व्यक्ति जमीन नहीं खरीद सकता है, इसलिए टेनेंसी लॉ के तहत इजाजत लेने की जरूरत होती है.''
वहीं हिमाचल के वित्तीय संकट को लेकर हो रही चर्चा पर सीएम सुक्खविंदर सिंह सुक्खू ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि हमारी वित्तीय संकट को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया, जबकि हिमाचल पुरानी पेंशन स्कीम को लौटाने वाला राज्य बना है.
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