Shimla Mosque News: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में बनी मस्जिद को लेकर नगर निगम शिमला के आयुक्त के कोर्ट में सुनवाई हुई. इस सुनवाई के दौरान शिमला की संजौली में बनी मस्जिद की ढाई मंजिल कौन बना गया है, यह न तो वक्फ बोर्ड बता पाया और न ही इसके लिए बनाई गई कमेटी.


मस्जिद निर्माण के लिए वक्फ बोर्ड की ओर से बनाई कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने कहा कि उन्होंने सिर्फ ढाई मंजिल ही बनाई है. इसके अलावा बनाई गई ढाई मंजिल किसने बनाई, इसके बारे में वक्फ बोर्ड कोई जवाब नहीं दे सका. इसके बाद उनसे फंडिंग को लेकर सवाल किया गया. उन्होंने कहा कि इसके लिए कुछ फंडिंग आढ़तियों ने की है. उन्हें फंडिंग कैश में आई या चेक में, इसके बारे में जब सवाल पूछा गया तो पेश हुए वकील इसका जवाब भी नहीं दे सके. उन्होंने कहा कि वह इस बारे में अगली पेशी में जवाब देंगे.


लिखित जवाब देने के आदेश


नगर निगम शिमला के आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने कहा कि मोहम्मद लतीफ अगली पेशी में लिखित में अपना पूरा जवाब दायर करें. वक्फ बोर्ड की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि वह इसका तब जवाब देंगे, जब उन्हें जेई की ओर से स्टेट्स रिपोर्ट से दी जाएगी. आयुक्त ने कनिष्ठ अभियंता यानी जूनियर इंजीनियर को इस मामले की स्टेटस रिपोर्ट वक्फ ऑफ बोर्ड को देने के लिए कहा, ताकि वह जल्द से जल्द इसका जवाब दे सके. इस मामले में अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को होगी.


वक्फ बोर्ड के वकील ने क्या बोले?


वहीं वक्फ बोर्ड के वकील ने कहा है कि जिस जमीन पर संजौली में मस्जिद बनी है, उसके मालिकाना हक को लेकर कोई विवाद नहीं है. जमीन वक्फ बोर्ड की है. विवाद सिर्फ जो कंस्ट्रक्शन हुई है, उसे लेकर है. वक्फ बोर्ड के वकील बीएस ठाकुर ने कहा, "नगर निगम शिमला की ओर से हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड को अनधिकृत निर्माण के संबंध में नोटिस जारी किया गया था. हमने कोर्ट को जवाब और दस्तावेज सौंप दिए हैं. निर्माण से संबंधित मुद्दा विचाराधीन है."


बीएस ठाकुर ने कहा, "आज कोर्ट ने स्वामित्व के बारे में पूछा और दस्तावेजी साक्ष्यों के माध्यम से हमने न्यायालय को बताया कि 1947 में जब पूरे भारत में वक्फ संपत्तियों का सर्वेक्षण किया गया था, तब मस्जिद वक्फ बोर्ड की संपत्ति थी. संबंधित अधिकारी संपत्ति की स्थिति रिपोर्ट दाखिल करेंगे. हम सुनवाई की अगली तारीख 5 अक्टूबर को जवाब दाखिल करेंगे. अवैध निर्माण से संबंधित मुद्दा कोर्ट के समक्ष लंबित ह. कोर्ट इस पर फैसला लेगा."



स्थानीय लोगों ने भी पार्टी बनने के लिए कहा


यही नहीं, मामले में सुनवाई के दौरान स्थानीय लोगों ने नियम 1/10 के तहत पार्टी बनने के लिए आवेदन किया. स्थानीय लोगों का कहना था कि वह भी इसकी वजह से परेशान हो रहे हैं. ऐसे में उन्हें भी पार्टी बनाया जाना चाहिए. स्थानीय लोगों का यह भी कहना था कि मस्जिद बनने की वजह से उन्हें काफी परेशानी हो रही है. इसमें उन्हें पार्टी बनाकर उनकी बात को भी सुना जाए.