MC Shimla Mayor-Deputy Mayor: 11 दिन के लंबे इंतजार के बाहर नगर निगम शिमला को नए मेयर डिप्टी मेयर मिल गए. सुबह 11 बजे पार्षदों की शपथ के बाद मेयर-डिप्टी मेयर का चयन हुआ. छोटा शिमला वॉर्ड से पार्षद सुरेंद्र चौहान गुड्डू को नगर निगम शिमला का नए मेयर बनाया गया है. इसके अलावा टूटीकंडी वॉर्ड से पार्षद उमा कौशल को डिप्टी मेयर की कमान सौंपी गई है. उमा कौशल पूर्व पार्षद और कांग्रेस पार्टी के पुराने सिपाही आनंद कौशल की धर्मपत्नी हैं. सुरेंद्र चौहान गुड्डू को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का सबसे नजदीकी माना जाता है. एबीपी न्यूज़ ने चुनाव से पहले ही सुरेंद्र चौहान को मेयर बनाए जाने की खबर अपने पाठकों के साथ साझा कर दी थी.


CM सुक्खू के नजदीकी नेताओं को कमान
नगर निगम शिमला मेयर-डिप्टी मेयर बनाए जाने को लेकर रविवार शाम मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के सरकारी आवास एक ओवर में बैठक हुई. इस बैठक में सभी पार्षदों के साथ राय-मशवरा करने के बाद नाम आलाकमान को भेज दी गए थे. आलाकमान की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद मेयर-डिप्टी मेयर का नाम तय हो गया है. नगर निगम शिमला को करीब 11 महीने के लंबे अंतराल के बाद मेयर-डिप्टी मेयर मिले हैं. पिछली नगर निगम का कार्यकाल जून 2022 में खत्म हो चुका था. मामला कोर्ट में होने की वजह से चुनाव 11 महीने तक टले और नगर निगम को मेयर-डिप्टी मेयर के बिना ही रहना पड़ा. छह महीने पहले शिमला उपायुक्त आदित्य नेगी को नगर निगम शिमला का प्रशासक नियुक्त किया गया था.


क्षेत्रीय संतुलन नहीं साध सकी कांग्रेस
नगर निगम शिमला के मेयर-डिप्टी मेयर शिमला शहरी विधानसभा क्षेत्र से बने हैं. कसुम्पटी से जीत कर आए सात और शिमला ग्रामीण से जीत कर आए चार पार्षदों को मेयर-डिप्टी मेयर का पद नहीं मिल सका. ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी क्षेत्रीय समीकरणों को साधने में नाकाम रही है. नगर निगम शिमला तीन विधानसभा क्षेत्रों की परिधि में आता है. इसमें शिमला शहरी, कसुम्पटी और शिमला ग्रामीण इलाका है. अब शिमला शहर से मेयर-डिप्टी मेयर का चयन करना कहीं न कहीं क्षेत्रीय असंतुलन माना जा रहा है. इसी तरह का क्षेत्रीय असंतुलन मुख्यमंत्री साफ तौर पर देखा जा सकता है.


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