Himachal Floods: नगर निगम शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने आपदा में ही अवसर खोज लिया. यह अवसर खुद को फायदा पहुंचाने का नहीं, बल्कि आम जनता के काम के लिए खोजा गया. दरअसल, राजधानी शिमला में भारी बारिश की वजह से जमकर तबाही हुई है. जगह-जगह हुए भूस्खलन की वजह से रास्ते बंद पड़े हैं और आम जनजीवन प्रभावित है. शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान खुद मौके पर जाकर तबाही कर जायजा ले रहे हैं. ऐसे में उनके पास दफ्तर जाने का वक्त नहीं है.


सड़क किनारे फाइलें साइन कर रहे मेयर


वीरवार को उनका एक वीडियो सामने आया. इस वीडियो में मेयर सुरेंद्र चौहान कनलोग में सड़क किनारे बैठकर ही दफ्तर की फाइलें निपटाते हुए नजर आए. दरअसल, कुछ दिनों में ही नगर निगम शिमला का हाउस भी लगने वाला है. ऐसे में हाउस से जुड़ी अहम फाइल निपटाना जरूरी है. इसके अलावा शिमला में अलग-अलग जगह पर असुरक्षित पेड़ों के मामले भी उनके पास आ रहे हैं. इन्हें भी वक्त पर साइन कर आगे भिजवाना जरूरी है. मेयर सुरेंद्र चौहान का यह दिलचस्प उपाय हर किसी को पसंद आ रहा है और लोग उनकी जमकर तारीफ भी कर रहे हैं. बता दें कि कनलोग वही इलाका है, जहां शहर भर में सबसे ज्यादा तबाही हुई और लोगों को जान बचाने के लिए इमारत से कूद कर भागना पड़ा था.



'दफ्तर जाने से पहले जनता से मिलना जरूरी'


वहीं, इस बारे में नगर निगम शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान का कहना है कि शिमला में हुई भारी तबाही की वजह से लोग परेशान हैं. वह लोगों का दु:ख-दर्द जानने के लिए मौके पर जा रहे हैं. इसके अलावा इलाके में हुए नुकसान का भी जायजा ले रहे हैं. सुरेंद्र चौहान ने कहा कि जगह-जगह भारी तबाही हुई है. ऐसे में दफ्तर जाने का वक्त नहीं लग रहा है, इसलिए उन्होंने सड़क किनारे बैठकर ही सभी फाइलें निपटा दी. सुरेंद्र चौहान ने कहा कि नगर निगम के कर्मचारी भी लगातार ग्राउंड जीरो पर उतरकर कम कर रहे हैं. ऐसे में न केवल वे कर्मचारियों का जोश बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, बल्कि लोगों का दर्द भी बांट रहे हैं.