Sterilization Of Monkey In Shimla: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के शिमला में बंदरों के बढ़ते आतंक से शहर के आम लोग परेशान हैं. इस बीच हिमाचल प्रदेश वन विभाग (Himachal Pradesh Forest Department) ने एक बार फिर बंदरों की नसबंदी करने का अभियान शुरू किया है. कोरोना (Corona) काल में लगे लॉकडाउन की वजह से यह काम रुक गया था. अब वन विभाग एक बार फिर बंदरों की नसबंदी शुरू करेगा. साल 2019 की गणना के मुताबिक शिमला शहर में बंदरों की संख्या दो हजार से ज्यादा है.
शिमला शहर के कई इलाकों में बंदरों का खौफ है. आए दिन लोगों को काट कर घायल कर देते हैं. शहर में कई लोगों की मौत बंदरों के हमले के बाद छत से गिरने की वजह से भी हो चुकी है. वन विभाग बंदरों की नसबंदी कर बंदरों की संख्या कम करने की कोशिश कर रहा है. एक बंदर की नसबंदी से चार-पांच बंदरों की संख्या पर असर पड़ता है. शहर में पिछले लंबे समय से वन विभाग लगातार नसबंदी अभियान चला रहा है. कोरोना काल के दौरान बंदरों की नसबंदी का काम धीमा पड़ गया था.
टूटीकंडी नसबंदी केंद्र में होगी नसबंदी
वहीं इस बारे में वन्य प्राणी विंग के वन मंडल अधिकारी एस. रविशंकर का कहना है कि विभाग एक बार फिर नसबंदी का काम शुरू करने जा रहा है. कोरोना की वजह से नसबंदी का काम प्रभावित हुआ था. इस काम को एक बार फिर शुरू किया जा रहा है, ताकि बंदरों की संख्या पर नियंत्रण पाया जा सके. उन्होंने बताया कि शिमला स्थित टूटीकंडी नसबंदी केंद्र में यह काम किया जाएगा. नियमों के मुताबिक नसबंदी करने के बाद बंदरों को उनके मूल स्थान पर छोड़ दिया जाएगा.
बंदरों से कैसे करें बचाव?
बंदर खाने की वस्तु छीनने के लिए आप पर झपटे तो उससे मुकाबला न करें, बल्कि उस वस्तु को दूर फेंक दें. बंदर से नजर न मिलाएं. खाने का सामान पॉलीथीन के लिफाफों की बजाय बैग में रखें. कूड़ादान में कूड़ा डालने के बाद उसके ढक्कन को अच्छी तरह बंद करें.
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