हिमाचल में आज देवभूमि संघर्ष समिति का हनुमान चालीसा पाठ, संजौली मस्जिद से जुड़ा मामला
Himachal News: शिमला के संजौली मस्जिद मामले की सुनवाई 5 अक्टूबर को होगी. नगर निगम आयुक्त की अदालत में सुनवाई से पहले, देवभूमि संघर्ष समिति मंदिरों में हनुमान चालीसा पाठ करेगी.
Shimla Mosque Latest Update: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली मस्जिद मामले में 5 अक्टूबर को सुनवाई होनी है. यह सुनवाई नगर निगम आयुक्त की अदालत में होगी. इस सुनवाई से एक दिन पहले देवभूमि संघर्ष समिति मंदिरों में हनुमान चालीसा का पाठ करने जा रही है.
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में लक्ष्मी नारायण मंदिर में भी शाम पांच बजे हनुमान चालीसा का पाठ होगा. इस आयोजन में देवभूमि संघर्ष समिति के कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे.
हिमाचल प्रदेश देवभूमि संघर्ष समिति ने राज्य के सभी लोगों से आह्वान किया है कि वह अपने आसपास के मंदिरों में जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें. समिति ने कहा, ''यह पाठ राज्य सरकार की 'सद्बुद्धि' के लिए किया जा रहा है.''
देवभूमि संघर्ष समिति के सह संयोजक मदन ठाकुर ने कहा कि 5 अक्टूबर को मस्जिद मामले में सुनवाई होने जा रही है. देवभूमि संघर्ष समिति की मांग है कि इस मामले में जन भावनाओं के मुताबिक फैसला सुनाया जाए.
शाम पांच बजे हनुमान चालीसा का पाठ
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस पूरे मामले को टालने की कोशिश न करे. इससे पहले देवभूमि संघर्ष समिति हनुमान चालीसा का पाठ आयोजित कर रही है. उन्होंने राज्य सरकार और नगर निगम प्रशासन से मांग उठाई है कि कानून सम्मत और जन भावनाओं के आधार पर ही फैसला लिया जाए.
संजौली मस्जिद मामले में सुनवाई
शिमला की संजौली मस्जिद मामले में 7 सितंबर को सुनवाई हुई थी. 7 सितंबर को सुनवाई के दौरान मस्जिद कमेटी यह नहीं बता सकी थी कि बिना नक्शे के मंजिलों का निर्माण किसने कर दिया. मस्जिद कमेटी के अलावा वक्फ बोर्ड भी इसकी जानकारी नहीं दे सका था. इसके बाद मस्जिद कमेटी और वक्फ बोर्ड की ओर से कहा गया कि उन्हें इस पूरी इमारत की स्टेटस रिपोर्ट दे दी जाए, जिस पर वे जवाब दाखिल करेंगे.
इसके कुछ दिनों बाद मस्जिद कमेटी नगर निगम आयुक्त के पास पहुंची और मस्जिद के उसे हिस्से को हटाने के लिए अपनी सहमति जाहिर की, जिसे अवैध बताया जा रहा है. गेंद अब नगर निगम आयुक्त के पाले में है. 5 अक्टूबर को होने वाली सुनवाई में क्या फैसला लिया जाएगा, इस पर सब की निगाहें टिकी हुई हैं.
ये भी पढ़ें: 'हिमाचल में टॉयलेट सीट पर नहीं लगा कोई टैक्स', जल शक्ति विभाग ने दावों पर किया खंडन