Shimla Mosque Latest News: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में बनी मस्जिद में अवैध निर्माण के आरोपों पर शनिवार को सुनवाई होगी. यह मामला नगर निगम शिमला के आयुक्त भूपेंद्र अत्री सुनेंगे. मामले में शनिवार को नगर निगम शिमला के दफ्तर में सुनवाई होगी. यहां सुबह 10:30 बजे सुनवाई होनी है. कुल 52 मामले सुनवाई के लिए कल लिस्टेड हैं. विवादित मस्जिद का केस 13वें नंबर पर सुना जाएगा.


इस दौरान हिंदू संघर्ष समिति के कार्यकर्ता नगर निगम शिमला के दफ्तर के बाहर जुट सकते हैं. नगर निगम शिमला के आयुक्त का कार्यालय शिमला उपायुक्त कार्यालय के ठीक सामने है. यहीं इस मामले में सुनवाई भी होनी है और इस दौरान हिंदू संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं के यहां एकत्रित की संभावना है. शिमला पुलिस भी इसे लेकर पहले से ही तैयार है.


मामले में अब तक 44 सुनवाई पूरी


शिमला के संजौली इलाके में बनी मस्जिद में हुए अवैध निर्माण के मामले में अब तक 44 सुनवाई हो चुकी हैं. साल 2023 के बाद से इस मामले में वक्फ बोर्ड को पार्टी बनाया गया है. मामले में वक्फ बोर्ड के प्रतिवादी होने के चलते उनकी ओर से ही आयुक्त के पास प्रतिनिधि पेश होगा. सभी की नजरें इस मामले की सुनवाई पर हैं. गुरुवार को शिमला के संजौली इलाके में ढली टनल के बाहर जुटे हिंदू संगठन कार्यकर्ताओं ने इस संबंध में पहले ही अल्टीमेटम भी दिया हुआ है.


हिमाचल प्रदेश विधानसभा में भी उठ चुका है मामला


बता दें कि बुधवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान नियम- 62 ध्यानकर्षण प्रस्ताव के तहत चौपाल से विधायक बलवीर वर्मा और शिमला से विधायक हरीश जनारथा ने यह मुद्दा उठाया था. इस चर्चा के दौरान राज्य सरकार में पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने भी हिस्सा लिया. इस दौरान अनिरुद्ध सिंह ने खुलकर अपनी बात कही थी.


अनिरुद्ध सिंह की बातों पर सत्तापक्ष की ओर से नहीं, बल्कि विपक्ष के सदस्यों की ओर से मेज थपथपाई गई. एआईएमआईएम के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी अनिरुद्ध सिंह से नाराज नजर आए, जिस पर राणा अनिरुद्ध सिंह ने माकूल जवाब भी दिया. अनिरुद्ध सिंह ने स्पष्ट किया कि यह हिंदू-मुसलमान का नहीं, बल्कि वैध और अवैध का मामला है.


साल 2010 से चल रहा अवैध निर्माण का मामला


बता दें कि यहां अवैध निर्माण का मामला साल 2010 से नगर निगम में चल रहा है. आरोप है कि मामले के विचाराधीन होते हुए भी यहां गलत तरीके से निर्माण किया गया. यहां किया जा रहा निर्माण अवैध है. नगर निगम शिमला के आयुक्त बीते रविवार को लोगों के बीच पहले ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि यहां चार मंजिला इमारत के निर्माण की अनुमति नहीं थी. बिना अनुमति यहां स्ट्रक्चर तैयार किया गया है. जानकारी के मुताबिक, विवादित स्थल पर अब तक 6 हजार 357 वर्ग फुट अवैध निर्माण हो चुका है. 


संजौली मस्जिद के मौलवी शहजाद इमाम का कहना है कि यह मस्जिद साल 1947 से पहले कि यहां बनी हुई है. हालांकि तभी छोटी सी मस्जिद थी. यहां साल 2007 के बाद कंस्ट्रक्शन हुई. उनका दावा यह है कि साल 2015 के बाद यहां कोई नया निर्माण नहीं हुआ है. अब देखना होगा कि मामले में आयुक्त की ओर से क्या फैसला सुनाया जाता है.


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