Himachal Pradesh News: नगर निगम शिमला चुनाव (Shimla MC Elections) की तैयारियां जोरों पर है. पूरे प्रदेश की निगाहें नगर निगम के इन चुनाव में आकर टिक गई हैं. चुनाव में वोटिंग 2 मई को होनी है. कांग्रेस (Cogress) ने सभी इच्छुक उम्मीदवारों से 8 अप्रैल शाम 5 बजे तक आवेदन करने के लिए कहा था. नगर निगम शिमला के 34 वार्डों में कांग्रेस के 160 आवेदन आए हैं. शुक्रवार को पूरा दिन हिमाचल कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में इच्छुक उम्मीदवारों के आवेदन करने की भीड़ लगी रही. हिमाचल कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में भी इसी तरह इच्छुक उम्मीदवारों से टिकट के लिए आवेदन करने के लिए कहा था. उस समय 68 विधानसभा क्षेत्रों में 700 से ज्यादा आवेदन मिले थे. 


हालांकि, कांग्रेस ने नए चेहरों की बजाय पुराने चेहरों पर ही ज्यादा विश्वास जताया था. नगर निगम शिमला चुनाव में भी पुराने पार्षदों का सत्ता मोह छूटता नजर नहीं आ रहा है. कांग्रेस के पूर्व पार्षद और सीएम सुक्खू के खास सुरेंद्र चौहान, कुसुम लता, नरेंद्र ठाकुर, जितेंद्र चौधरी, रचना भारद्वाज और दीपक चौहान ने टिकट के लिए आवेदन किया है. अब सवाल यह है कि कांग्रेस ने इच्छुक उम्मीदवारों के आवेदन तो मांग लिए हैं, लेकिन क्या कांग्रेसी नए चेहरे पर दाग खल सकेगी या नहीं? दिलचस्प है कि कुछ ऐसे नेताओं ने भी टिकट के लिए आवेदन किया है, जो विधायक की टिकट के लिए भी दौड़ में शामिल थे.


पूर्व पार्षदों की धर्मपत्नी ने भी किए आवेदन
इसके अलावा पूर्व पार्षदों की धर्मपत्नी ने भी टिकट के लिए पार्टी कार्यालय में आवेदन किया है. इनमें दिवाकर देव शर्मा, इंद्रजीत सिंह और आनंद कौशल की धर्मपत्नी ने भी टिकट के लिए आवेदन किया है. पूर्व पार्षदों की धर्मपत्नी ने महिलाओं के लिए आरक्षित वर्गों से टिकट मांगा है. क्योंकि वार्ड रिजर्व होने की वजह से इस बार पूर्व पार्षदों का सदन पहुंचने का सपना टूट गया है. ऐसे में पूर्व पार्षद खुद न सही, लेकिन कम से कम अपनी धर्मपत्नी को तो जीताकर नगर निगम शिमला के सदन पहुंचाने की जुगत में लगे हैं.


सीएम ने अध्यक्ष के साथ की महत्वपूर्ण बैठक
शनिवार को दिनभर हिमाचल कांग्रेस कार्यालय में बैठकों का दौर जारी रहा. मुख्यमंत्री के सरकारी आवास ओक ओवर में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह की दो घंटे तक बैठक हुई. इसके अलावा शिमला ग्रामीण के कार्यकर्ताओं की बैठक में लोक निर्माण मंत्री और विधायक विक्रमादित्य सिंह शामिल हुए. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए नगर निगम शिमला चुनाव अग्निपरीक्षा माने जा रहे हैं.


बीते 11 साल से सत्ता से दूर है कांग्रेस
हिमाचल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद पहले चुनाव में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए इन चुनावों को जीतना बेहद जरूरी है. मुख्यमंत्री ने खुद अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत नगर निगम शिमला के पार्षद के तौर पर की थी. बीते 11 सालों से नगर निगम शिमला में कांग्रेस का मेयर और डिप्टी मेयर नहीं बन सका है. ऐसे में अब कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को सत्ता परिवर्तन के बाद नगर निगम शिमला में भी जीत की उम्मीद है. हालांकि, बीजेपी भी पूरी तरह जीत के लिए आश्वस्त नजर आ रही है. ऐसे में कांग्रेस के लिए नगर निगम शिमला का चुनाव जीतना आसान नहीं रहने वाला है.


ये भी पढ़ें- Himachal Apple: किलो के हिसाब से मिलेंगे सेब के दाम, जानिए- यूनिवर्सल कार्टन पर क्या बोले हिमाचल के बागवान?