Shimla Municipal Corporation Election: एक तरफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) कार्यकर्ताओं की पार्टी होने का दावा करती है और दूसरी तरफ कांग्रेस (Congress) से लोगों नेताओं को तोड़ बीजेपी में टिकट देने का काम कर रही है. इन दिनों शिमला में नगर निगम चुनाव की हलचल जोरों पर है. पूरे प्रदेश की निगाहें राजधानी शिमला (Shimla) पर टिकी हुई हैं. 


कांग्रेस-बीजेपी में टिकट आवंटन का सिलसिला जारी है. मंगलवार को नामांकन का आखिरी दिन है. इससे पहले बीजेपी ने वार्ड नंबर 1 भराड़ी में अपनों को दरकिनार कर कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुई नेता को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है. 


सुबह बीजेपी में शामिल, दोपहर में टिकट फाइनल
पूर्व कांग्रेस नेता मीना चौहान मीनू ने हिमाचल बीजेपी अध्यक्ष सुरेश कश्यप और हिमाचल बीजेपी महामंत्री त्रिलोक जमवाल की मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली और उन्हें पार्टी ने वार्ड नंबर 1 से अपना प्रत्याशी भी बना दिया. बड़ी बात यह है कि भराड़ी वार्ड के बीजेपी कार्यकर्ताओं को इस बात की जानकारी ही नहीं दी गई कि कांग्रेस की एक नेता को बीजेपी में लाकर टिकट दिया जा रहा है.


आलाकमान ने अपनों को कर दिया दरकिनार
नगर निगम शिमला का वार्ड नंबर एक भराड़ी अनारक्षित था. यहां कई अन्य नेता भी टिकट की दौड़ में शामिल थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया. इस वार्ड से संजीव सूद जॉनी और रोहित सचदेवा भारतीय जनता पार्टी की टिकट के प्रबल दावेदार मान जा रहे थे. दोनों ही प्रबल दावेदारों से टिकट आवंटन को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई. साल 2017 के नगर निगम शिमला चुनाव में मीना चौहान बतौर आजाद प्रत्याशी सिर्फ 20 वोटों से हारी थी. ऐसे में बीजेपी ने इस वार्ड को जीतने की चाह में अपनों को दरकिनार कर मीना चौहान को टिकट दे दिया. अब भारतीय जनता पार्टी तो इसे कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका बता रही है, लेकिन सालों से संगठन का काम कर रहे कार्यकर्ता आलाकमान से नाराज हैं.


जनता का कांग्रेस से मोहभंग- बीजेपी
मीना चौहान शिमला शहर के कांग्रेस विधायक हरीश जनारथा कि बेहद करीबी मानी जाती हैं और बीजेपी अब इसे कांग्रेस की गुटबाजी करार दे रही है. भारतीय जनता पार्टी ने मीना चौहान के पार्टी में शामिल होने के बाद बयान में कहा कि कांग्रेस सरकार में तीन महीने के भीतर ही गुटबाजी सड़कों पर दिखाई दे रही है. जनता का कांग्रेस से मोहभंग हो गया है, लेकिन पार्टी का ध्यान शायद इस तरफ नहीं है कि सालों से संगठन के लिए काम कर रहे नेताओं और कार्यकर्ताओं का भी मोह पार्टी से भंग हो सकता है.


भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि नगर निगम शिमला चुनाव में उन्होंने सशक्त नेता को बतौर बीजेपी प्रत्याशी मैदान में उतारा है. इससे भराड़ी वार्ड में रोचक मुकाबला होगा. पहले भारतीय जनता पार्टी को लग रहा था कि भराड़ी वार्ड में बीजेपी कांग्रेसी उम्मीदवार को टक्कर नहीं दे सकेगी. इस वार्ड में कांग्रेस शिमला शहर के अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी बतौर प्रत्याशी मैदान में हैं. मीना चौहान ने पहले कांग्रेस पार्टी से ही टिकट के लिए आवेदन किया था.


अपनों से बीजेपी का मोह क्यों हुआ भंग?
बीजेपी अब यह अनुमान लगा रही है कि मीना चौहान ने मुकाबले को कठिन कर दिया है. ऐसे में सवाल यह है कि क्या भारतीय जनता पार्टी के पास ऐसा कोई कार्यकर्ता मौजूद ही नहीं था, जो कांग्रेस प्रत्याशी को टक्कर दे सके? गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने से पहले मीना चौहान बतौर आजाद प्रत्याशी भी मैदान में उतरने की तैयारी कर चुकी थीं.


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