MC Shimla Election: शिमला नगर निगम चुनाव का रिजर्वेशन रोस्टर जारी, जल्द हो सकता है इलेक्शन
MC Shimla Election News: हिमाचल प्रदेश की पिछली बीजेपी सरकार ने शिमला नगर निगम के वार्डों की संख्या को 34 से बढ़ाकर 41 कर दिया था. बाद में कांग्रेस की सरकार आने पर इन्हें दोबारा 34 कर दिया गया है.
Shimla Municipal Corporation Election: नौ महीने से भी ज्यादा समय से लंबित हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के शिमला नगर निगम के चुनाव जल्द होने वाले हैं. शिमला नगर निगम चुनाव के लिए जिला उपायुक्त ने रिजर्वेशन रोस्टर जारी कर दिया है. इसमें 3 वॉर्ड अनुसूचित जाति, 3 वॉर्ड अनुसूचित जाति महिला, 14 वॉर्ड महिलाओं और 14 वॉर्ड को जनरल कैटेगरी के लिए ओपन रखा गया है. शिमला नगर निगम चुनाव के लिए 6 अप्रैल को वोटर लिस्ट बनकर तैयार हो जाएगी. इसके बाद कभी भी चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है. यह चुनाव जून, 2022 में होने थे, लेकिन डिलिमिटेशन का मामला हाईकोर्ट में जाने की वजह से चुनाव अब तक नहीं हो सके हैं.
पूर्व बीजेपी सरकार ने वार्डों की संख्या को 34 से बढ़ाकर 41 कर दिया था. बाद में कांग्रेस की सरकार आने पर इन्हें दोबारा 41 से घटाकर 34 कर दिया गया है. फिलहाल शिमला नगर निगम में मेयर डिप्टी मेयर और पार्षद नहीं, बल्कि प्रशासक काम कर रहे हैं. जिला शिमला उपायुक्त आदित्य नेगी को नगर निगम का प्रशासक बनाया गया है.
कौन-सा वॉर्ड किसके लिए रिजर्व?
भराड़ी- ओपन, रूलदुभट्टा- महिला, कैथू- महिला, अनाडेल- अनुसूचित जाति, समरहिल- ओपन, टूटू- महिला, मज्याठ- महिला, बालूगंज- ओपन, कच्चीघाटी- महिला, टूटीकंडी- महिला, नाभा- अनुसूचित जाति, फागली- अनुसूचित जाति महिला, कृष्णानगर- अनुसूचित जाति महिला, राम बाजार- महिला, लोअर बाजार- महिला, जाखू- ओपन, बेनमोर- ओपन, इंजनघर- ओपन, संजौली- महिला, अपर ढली- ओपन, लोवर ढली- महिला, शांति विहार- ओपन, भट्टाकुफर- ओपन- सांगटी- ओपन, मल्याना- महिला, पंथाघाटी- महिला, कसूती- महिला, छोटा शिमला- ओपन, विकासनगर- अनुसूचित जाति, कंगनाधार- ओपन, पटयोग- ओपन, न्यू शिमला- महिला, खलीनी- अनुसूचित जाति महिला और कनलोग- ओपन.
कई वार्डों में महिला प्रत्याशी ढूंढना होगी चुनौती
शिमला नगर निगम के लिए जारी हुए नए रोस्टर के बाद कई नए प्रत्याशी पार्टी में टिकट के लिए अप्लाई करेंगे. वहीं, कुछ ऐसे भी नेता हैं, जिनका रोस्टर आने के बाद पार्षद बनने का सपना टूट गया है. वार्डों में नए रोस्टर के मुताबिक रिजर्वेशन होने के बाद ऐसी भी स्थिति पैदा हुई है, जहां रोस्टर के मुताबिक पार्टियों के पास महिला उम्मीदवार ही नहीं है. ऐसे में राजनीतिक दलों को अब स्थापित नेताओं की धर्मपत्नी या परिवार से जुड़ी अन्य महिलाओं को मैदान में उतारना होगा.
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