Shimla Municipal Corporation Election 2023: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में नगर निगम शिमला (MC Shimla) चुनाव के लिए पार्टियां जोरो शोरो से तैयारियां कर रही हैं. ऐसे में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने चुनावों के लिए चयनित उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है. इसमें समरहिल से वीरेन्दर ठाकुर, टूटू से दीक्षा ठाकुर, कृष्णानगर से अमित कुमार, सांगटी से कपिल देव शर्मा का नाम शामिल है.
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया मार्क्सिस्ट के जिला सचिव संजय चौहान ने कहा कि सीपीएम इस चुनाव में वामपंथी पार्टियों और समान विचारधारा के लोगों को साथ मिलाकर मोर्चा तैयार करेगी. इस चुनाव में पार्टी जनता के सामने विकल्प पेश करने जा रही है. उन्होंने कहा कि बीते पांच साल में बीजेपी की नगर निगम और सरकार ने निजीकरण, महंगाई, बेरोजगारी, बिजली-पानी, कूड़ा उठाने जैसी मूलभूत आवश्यकताओं और अन्य सेवाओं को महंगा करने का काम किया.
'बीजेपी की जनविरोधी नीतियों का समर्थन करती है कांग्रेस'
चौहान ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने सिर्फ और सिर्फ जनता पर आर्थिक बोझ डाला. उन्होंने कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया मार्क्सिस्ट लगातार जन विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष करती रही है. संजय चौहान ने कहा कि नगर निगम में कांग्रेस पार्टी की जन विरोधी उदारवाद की नीतियों की हिमायती बनकर बीजेपी का समर्थन करती है. इसलिए पार्टी वैकल्पिक नीतियों को लेकर नगर निगम शिमला के अंदर और बाहर संघर्ष को जारी रखेगी. इस चुनाव में जनता के सहयोग से संघर्ष को नगर निगम शिमला में सदन के अंदर जनता की आवाज बनने का काम करेगी.
2012 में सीपीआईएम ने रचा था इतिहास
साल 2012 के नगर निगम शिमला चुनाव में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया मार्क्सिस्ट ने इतिहास रचा था. उस साल जब नगर निगम शिमला में मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव प्रत्यक्ष तौर पर हुए, तो शिमला में कम्युनिस्ट पार्टी की लहर देखने को मिली. पार्टी ने मेयर पद पर संजय चौहान और डिप्टी मेयर पद पर टिकेंद्र पंवर को अपना उम्मीदवार बनाया. इस चुनाव में संजय चौहान 8 हजार 800 और टिकेंद्र पंवर 5 हजार 300 वोटों से जीत हासिल की थी. इसके अलावा तीन वार्डों पर भी कम्युनिस्ट पार्टी के पार्षद जीत कर आए थे. हालांकि, इसके बाद हुए चुनाव में कम्युनिस्ट पार्टी का प्रदर्शन उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी कम्युनिस्ट पार्टी का वोट शेयर घटा और एक भी विधायक जीतकर विधानसभा नहीं पहुंचा.